Christmas 2020 : वाराणसी के गिरजाघरों में 100 साल पहले शुरू हुई थी 'व्हाइट गिफ्ट' सर्विस की शुरुआत
Christmas 2020 से पहले आगमन के दूसरे रविवार को चर्च में जरूरतमंदों के लिए गिफ्ट देने की परंपरा थी। लोग अपनी क्षमता के मुताबिक चर्च में उपहार लेकर आते। इनमें संभ्रांत लोग भी शामिल थे। मगर सामाजिक-आर्थिक गैर-बराबरी का असर इस परंपरा पर भी दिखने लगा।
वाराणसी, जेएनएन। Christmas 2020 से पहले आगमन के दूसरे रविवार को चर्च में जरूरतमंदों के लिए गिफ्ट देने की परंपरा थी। लोग अपनी क्षमता के मुताबिक चर्च में उपहार लेकर आते। इनमें संभ्रांत लोग भी शामिल थे। मगर सामाजिक-आर्थिक गैर-बराबरी का असर इस परंपरा पर भी दिखने लगा। लोग दिखावा करने लगे। जिनकी हैसियत थी वे चर्च में उपहार लाते समय अहंकार से भर उठते, तो वहीं छोटा-मोटा गिफ्ट लाने वाले हीन भावना का शिकार हो जाते। लाल गिरजाघर के सचिव विजय दयाल के मुताबिक प्रभु के घर में उपहार देते समय अहंकार व हीन भावना को समाप्त कर शांति-खुशहाली स्थापित करने के लिए वर्ष 1904 में उपहार को सफेद कपड़े या आवरण में लपेटकर लाना अनिवार्य कर दिया गया। इसी के साथ 'व्हाइट गिफ्ट' सर्विस परंपरा में शामिल हो गया। बनारस के गिरजाघरों में इसकी शुरुआत भी तकरीबन 100 साल पहले हुई थी, जो अब भी कायम है। क्रिसमस से पहले के चार रविवार को गिरजाघरों में विशेष आराधना की जाती है। आगमन के पहले रविवार के साथ ही मसीही समाज उल्लास से भर जाता है।
इस बार सीमित होंगे आयोजन
काेरोना के चलते गिरजाघरों में आयोजित होने वाली विशेष आराधना में श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित कर दिया गया है, ताकि शारीरिक दूरी नियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके। वहीं घर-घर जा कर कैरोल सिंगिग की परंपरा भी इस बार प्रभावित है। दूर-दराज मसीही मतावलंबियों के यहां जाने की बजाय लोग अपने घर में ही या पास-पड़ोस के लोगों संग ही प्रभु यीशु का स्तुति गान कर खुशी मना रहा है। क्रिसमस को लेकर आयोजित होने वाले सामूहिक आयोजनों में छोटा कर दिया गया है। सीमित लोगों के साथ केवल परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। वाराणसी धर्मप्रांंत के बिशप डा. यूजीन जोसफ के अनुसार गिरजाघरों में होने वाली प्रार्थना लोगों के दुखों के निवारण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ जुटाकर कोरोना संक्रमण का कारण नहीं बनना है। प्रभु यीशु के आगमन की खुशी अंतर्मन में निहित है। जन-कल्याण के लिए प्रार्थना करते रहें और भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।