Weather Update : भीषण गर्मी व धूप में तप रहे लोग, 27 मई से मौसम में बदलाव की उम्मीद
इस बार गर्मी के मौमस में पहली बार वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में भीषण गर्मी हो रही। मंगलवार को स्थिति यह है कि धरती तप रही और आसमान से आग बरस रही है।
वाराणसी, जेएनएन। इस बार गर्मी के मौमस में पहली बार वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में भीषण गर्मी जारी है। मंगलवार को सुबह से स्थिति यह है कि धरती तप रही और आसमान से आग बरस रही है। गर्म हवा त्वचा को झुलसा रही। लॉकडाउन के बीच कुछ दुकानें खुली जरूर हैं लेकिन तेज धूप व गर्मी के कारण ग्राहक नहीं है। सड़कों पर भी सन्नाटा है। सोमवार को अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 29.0 डिग्री हो गया था। गर्मी की अगर यही स्थिति रही तो 1998 के अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस का भी रिकार्ड टूट सकता है। हालांकि 27 मई से कुछ सुधार की संभावना है।
पिछले साल 26 मई को अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक गर्मी और बढ़ सकती है। यानी यदि ऐसा हुआ तो पिछले साल का रिकार्ड टूट सकता है। हालांकि इस बीच 27 मई के बाद मौसम में बदलाव की संभावना भी जताई जा रही है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार रविवार को धरती पर दक्षिणी एवं करीब एक किमी ऊपर पश्चिमी हवा चल रही है। ये दोनों हवाएं गर्मी लेकर आ रही हैं। बताया कि एक-दो दिन और तापमान बढ़ सकता है। बताया कि 27 मई से मौसम में बदलाव हो सकता है। साथ ही 28 या 29 मई को गरज के साथ बारिश की भी संभावना है। इसके बाद तापमान में गिरावट हो सकती है।
वाराणसी सोमवार को तापमान
45.8 : डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान
29.0 : डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान
मई माह में सबसे अधिक गर्मी
अधिकतम पारा वर्ष
46.8 1998
45.8 2020
44.6 2019
44.6 2018
44.6 2017
गर्मी के बीच बिन बिजली-पानी तड़पे लोग
भीषण गर्मी के बीच बिजली ने भी विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को खूब रुला रही है। कई इलाकों में बिजली की आवाजाही चल रही है। इसके कारण लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ा। पांडेयपुर, शिवपुर, नरिया, सारनाथ, कमच्छा आदि क्षेत्रों के लोगों ने कहा कि बार-बार बिजली आ-जा रही थी। इसकी सूचना संबंधित जेई को देने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल स्वीच आफ था। यह समस्या अक्सर ही देखने को मिलती है। लोगों ने आरोप लगाया है कि जब से उपभोक्ताओं के हित में सारी सुविधाएं ऑनलाइन की गईं तब से कुछ अधिकारियों की ऊपरी कमाई बंद हो गई है। यही कारण कि दुर्भावना बस उपभोक्ताओं की समस्याओं की अनदेखी करने से भी बाज नहीं आते।