बनारस में उमस-गर्मी से शहरवासी पसीना-पसीना, जानें कब आएगा मानसून Varanasi news
मानसून के दस दिन पिछड़ने और उत्तर भारत में गर्मी से लोग पसीना पसीना हो रहे हैं। सोमवार को भी सुबह हल्की हवाओं से लोगों को राहत तो मिली मगर दिन चढ़ते ही पारा भी चढ़ने लगा।y
वाराणसी, जेएनएन। मानसून के दस दिन पिछड़ने और उत्तर भारत में गर्मी से लोग पसीना पसीना हो रहे हैं। सोमवार को भी सुबह हल्की हवाओं से लोगों को राहत तो मिली मगर दिन चढ़ते ही पारा भी चढ़ने लगा। पुरवा हवा का रुख होने से बारिश की संभावनाएं भी बन रही हैं मगर धूप में निकलते ही उमस से लोग पसीना पसीना हो जा रहे हैं। हालांकि धूप की तल्खी पर अगले कुछ घंटों में बादलों की आवाजाही से राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं साेमवार की देर शाम आसमान में प्री मानसूनी बादलों की आवाजाही भी शुरु हुई और तेज ठंडी हवाओं का रुख भी बना साथ ही कुछ इलाकों में मामूली बूंदाबांदी भी हुई। शाम को मौसम का रुख बदलने से लोगों ने राहत की सांस भी ली।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। हालांकि अधिकतम और न्यूनतम पारा दोनों ही सामान्य से अधिक दर्ज किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर आर्द्रता अधिकतम 56 और न्यूनतम 34 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार पहाड़ों पर बारिश का असर अब पूर्वांचल तक आने लगा है हालांकि पर्याप्त नमी की कमी होने की वजह से बारिश नहीं हो पा रही है मगर बादलों की आवाजाही बनी हुई है।
सामान्य तौर पर अमूमन 17 जून तक पड़ोसी राज्यों में मानसूनी बारिश होने लगती थी मगर इस बार मानसून सप्ताह भर से दस दिन तक देरी से असर दिखा रहा है। इस लिहाज से 18 जून को पूर्वांचल में दस्तक देने वाला मानसून 22 जून तक असर दिखाएगा। हालांकि एक दिन पूर्व तक नॉर्थ वेस्ट मानसून बिहार की सीमा पर दस्तक दे चुका था वहीं दक्षिण की ओर से मानसून की सक्रियता कम होने की वजह से अभी यह कर्नाटक तक ही पहुंच सका है। ऐसे में अधिक संभावना यह भी बन रही है कि कहीं नॉर्थ वेस्ट मानसून पूर्वांचल में पहले दस्तक न दे दे।
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