एक बार फिर मौसम का रूख बारिश की ओर, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्ताह में मौसम का हाल
पूर्वांचल में आखिरकार मौसम का रूख एक बार फिर से बदल ही गया गुरुवार सुबह से ही आसमान में बादल छाने लगे जो शुक्रवार को भी बरकरार रहे।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में आखिरकार मौसम का रूख एक बार फिर से बदल ही गया। गुरुवार सुबह से ही आसमान में बादल छाने लगे जो शुक्रवार को भी बरकरार रहे। वहीं मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी की है कि एक-दो दिन में पूर्वांचल में बारिश हो सकती है। वहीं शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलों की सक्रियता बनी रही और दिन चढ़ने के साथ ही आसमान में बादलों का सघन डेरा होता चला गया।
सुबह से ही ठंडी हवाओं का दौर शुरू हुअा जाे दिन चढ़ने तक अनवरत जारी रहा। बादलों की वजह से एक बार फिर से ठंड की वापसी हुई और लोग सुबह से ही गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। सुबह गलन का स्तर बढ़ने से लोग ठंड से बचने की जुगत भी करते रहे। दिन चढ़ने के साथ ही समूचा पूर्वांचल बादलाें की जद में आ गया और जौनपुर, मीरजापुर और वाराणसी सहित कई जिलों के कुछ इलाकों में हल्के से तेज बारिश भी दर्ज की गई।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 29 डिग्री दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम पारा 10.02 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम और न्यूनतम पारा एक दिन पूर्व के दर्ज तापमान के जैसा ही रहा। वहीं मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार पूर्वांचल में बादलों का सघन डेरा बना हुआ है। ऐसे में पर्याप्त नमी वातावरण से मिली तो पूर्वांचल में बूंदाबांदी का दौर भी शुरू हो सकता है।
बोले कृषि वैज्ञानिक
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, भू भौतिकी विभाग, बीएचयू, वाराणसी के तकनीकी अधिकारी शिव मंगल सिंह ने बताया कि आने वाले अगले दो तीन दिनों तक आसमान में बादल छाये रहने की सम्भावना है। इसके परिणाम स्वरूप 22 और 23 फरवरी को हल्की बारिश भी होने की सम्भावना जताई जा रही है। ऐसे में किसान भाईयों को सलाह है कि मौसम के परिवर्तन को ध्यान में रखकर ही खेती का कार्य करें और साथ ही पशुओं को छायादार स्थान पर ही बांधे। वहीं बारिश होने से जहां खेत में पानी की जरूरत कम होगी वहीं सब्जियों और दलहन व तिलहन की फसल प्रभावित होगी।
गेहूं के लिए वरदान बनकर आया यह मौसम
महाशिवरात्रि पर के दौरान अक्सर ही मौसम में दो दिनों से बदलाव हुआ है। आसमान में बादलों का खेल चल रहा है। पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी भी हुई। यह मौसम गेहूं की फसल से वरदान साबित होगी। कारण कि कुछ दिन पहले ही तेज पछुआ हवा के चलने से मुसीबत बढ़ गई थी। हालांकि अब पुरुवा हवा, नमी एवं बादल के कारण स्थिति में सुधार हुआ है। इससे गेहूं की फसल सूखेगी नहीं और इसके दाने भी बढ़ेंगे। वैसे दलहन और तिलहन की फसल के लिए यह मौसम अच्छा नहीं कहा जाएगा। कृषि विज्ञानी एवं कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू के प्रो. पीके सिंह बताते हैं कि इस मौसम से किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। सब्जी एवं गेहूं के लिए इस तरह का मौसम फायदेमंद है।