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विदेशों में सब्जी भेजने की राह होगी आसान, वाराणसी में करीब एक लाख किसान करते हैं सब्जी की खेती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट में 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरे दिन शुक्रवार को कृषि क्षेत्र के लिए पिटारा खोला।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 12:01 PM (IST)
विदेशों में सब्जी भेजने की राह होगी आसान, वाराणसी में करीब एक लाख किसान करते हैं सब्जी की खेती
विदेशों में सब्जी भेजने की राह होगी आसान, वाराणसी में करीब एक लाख किसान करते हैं सब्जी की खेती

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट में 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरे दिन शुक्रवार को कृषि क्षेत्र के लिए पिटारा खोला। साथ ही कई नियमों में भी बदलाव के संकेत दिए। इससे जिले के करीब एक लाख उन किसानों को लाभ मिलेगा जो सब्जी की खेती करते हैं। वाराणसी सब्जी की खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां अनाज की खेती सामन्य रूप से ही होती है। हालांकि पूर्वांचल के अन्य जिलों में अनाज की उपज अपार होती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों की फसल के पहले ही घोषित करके उसको लागू करवाना निश्चित रूप से किसानों की आय में वृद्धि करेगा।

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वित्त मंत्री ने हर्बल पौधों की खेती के लिए 4000 करोड़ रुपये का आवंटन किया। निश्चित रूप से औषधीय पौधों के खेती में नई पीढ़ी इस खेती की ओर उन्मुख होकर अपना योगदान देगी, जिससे रोजगार भी मिलेगा, किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही बड़े निवेशक न आने से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता, किसान को उपज का बेहतर भाव मिल सकेगा। कृषि क्षेत्र में बड़े निवेशक आएंगे। उन्होंने कहा कि इसेंशियल कमोडिटी एक्ट आजादी के कुछ समय बाद बनाया गया था क्योंकि उस समय कृषि पैदावार काफी कम था और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था लेकिन आज देश में रिकॉर्ड अनाज उत्पादन हो रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को इसकी आजादी होगी कि वे अपनी उपज मंडी के बाहर भी बेच सकेंगे। फिलहाल किसानों को एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी को बेचना पड़ता है लेकिन अब यह मजबूरी खत्म हो गई। इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल सकती है। साथ ही किसान दूसरे राज्य में बेच सकेंगे। जिले में रबी, खरीफ व जायद को मिलाकर करीब 15 हजार मीट्रिक टन सब्जी की उपज होती है। यहां पर कुल 2.62 लाख किसान हैं, जिसमें से एक लाख से अधिक किसान सब्जी की खेती पर निर्भर हैं। अब उनको उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। कारण कि बड़ी कंपनियां सीधे उनके घर जाएंगी। बिचौलिए की दुकानें बंद हो जाएगी।

स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा : राजेश कुमार सिंह

एग्रीकल्चरल मशीनरी मैप्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (अम्मा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह का कहना है कि तीसरे दिन वित्तमंत्री का पूरा ध्यान किसानों और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने पर था। कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा किया जा रहा है। ऑपरेशन ग्रीन का दायरा बढ़ाने की बात की गई है। मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ जारी किया गया है, जिससे मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि होगी। दो लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए 4 हजार करोड़ का इंतजाम किया गया है। इस उपज को एक्सपोर्ट कर विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी। राजेश ने बताया कि कृषि आधारभूत ढांचे के लिए धन की व्यवस्था की गई है। इससे किसानों, संघो, उद्यमियों व स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। एमएसएमई के सभी बकाए को 45 दिनों में दिलवाने का वादा किया गया है। इससे उद्यमियों को लाभ होगा।


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