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वाराणसी के गंगा में गिर रहा अमेरिका के ए2ओ और जापान के उपकरण से शुद्ध हुआ पानी

गंगा को स्वच्छ करने की सरकार की योजना अब मूर्त रूप धारण कर रही हैं।नगर निर्मित एसटीपी में लगे अमेरिकाजापान सहित इटली के उपकरण से पानी शुद्ध होकर गंगा में जा रहा है। रामनगर में उत्तर प्रदेश का पहला अत्याधुनिक तकनीक से बना एसटीपी बनकर तैयार हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 11:56 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 11:56 AM (IST)
वाराणसी के गंगा में गिर रहा अमेरिका के ए2ओ और जापान के उपकरण से शुद्ध हुआ पानी

वाराणसी, संजय यादव। गंगा को स्वच्छ करने की सरकार की योजना अब मूर्त रूप धारण कर रही हैं।नगर निर्मित एसटीपी में लगे अमेरिका,जापान सहित इटली के उपकरण से पानी शुद्ध होकर गंगा में जा रहा है।यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि गंगा नदी के पानी को शुद्ध करने के लिए रामनगर में उत्तर प्रदेश का पहला अत्याधुनिक तकनीक से बना एसटीपी बनकर तैयार हो गया है।

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प्लांट  निर्माण में नवीनतम ए 2 ओ (एनोरोबिक-एनोक्सिक- आक्सिक)तकनीक पर कराया गया है।एसटीपी की खासियत यह है कि यहां इटली के फिल्टर,अमेरिका व जापान के आधुनिक उपकरण से गंदा पानी शुद्ध होकर गंगा नदी में गिर रहा है।वहीं मुख्य पंपिंग स्टेशन की क्षमता दस एमएलडी है। विभाग का दावा है कि इस तरह का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैदराबाद में बना है और अब पीएम के संसदीय क्षेत्र रामनगर में। प्लांट को बनाने में 72.91 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।नगर की लगभग 50 हजार जनसंख्या लाभान्वित हुई हैं।पांच नालों का पानी सीधे गंगा नदी में जा रहा था।इस कारण गंगा नदी का पानी अशुद्ध हो रहा था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी सांसद बनने के बाद कई योजनाओं ने मूर्तरूप लिया।पतित पावनी गंगा नदी को शुद्ध करने के लिए मुहिम छेड़ दी गई।नदी के पानी शुद्ध करने के लिए जुलाई 2017 में परियोजना बनाई गई थी। परियोजना में पांच नालों को जोड़ने और रूट बदलकर कार्य किया गया है।सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट के निर्माण कार्य एवं उनका 15 वर्षों तक संचालन और रखरखाव किया जाएगा। परियोजना का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 नवंबर 2018 को किया। परियोजना पूर्ण होने के बाद सीवेज का वर्तमान मानक के अनुरूप शोधन कर गंगा नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इटली से मंगाया गया फिल्टर पानी को शुद्ध करेगा। इसके बाद जापान से आए मुख्य पंपिंग स्टेशन के जरिए गंगा नदी में जाएगा।


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