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जल संरक्षण : रडार करेगा मीरजापुर के सिरसी डैम की निगरानी, बचेगा लाखों क्यूसेक पानी

केंद्रीय जल आयोग द्वारा जनपद के सिरसी डैम पर पहला रडार लगाया जा रहा है। जल्द ही जिले के अन्य बांधों पर भी रडार लगाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 08:52 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 02:17 PM (IST)
जल संरक्षण : रडार करेगा मीरजापुर के सिरसी डैम की निगरानी, बचेगा लाखों क्यूसेक पानी
जल संरक्षण : रडार करेगा मीरजापुर के सिरसी डैम की निगरानी, बचेगा लाखों क्यूसेक पानी

मीरजापुर [सतीश रघुवंशी] । केंद्रीय जल आयोग द्वारा जनपद के सिरसी डैम पर पहला रडार लगाया जा रहा है। जल्द ही जिले के अन्य बांधों पर भी रडार लगाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे न केवल डैम के जलस्तर की सटीक जानकारी मिल सकेगी बल्कि बांधों से बहकर बर्बाद हो रहे लाखों क्यूसेक पानी पर भी रोक लगाई जा सकेगी। राडार यह भी पकड़ लेगा कि बांध से कहां पानी लीकेज हो रहा है। इस नई तकनीक से पानी की बचत के साथ ही किसानों के लिए बांध के टेल तक पानी पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।

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केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों के मुताबिक प्रयागराज के मेजा डैम और जनपद के सिरसी डैम पर रडार लगाया जा रहा है। जबकि इसी महीने जरगो डैम पर भी रडार लगा दिया जाएगा। जिले सभी डैम क्रमश: रडार की निगरानी में आ जाएंगे। इससे रडार क्षेत्र में आने वाले संपूर्ण भू-भाग पर रेन फाल का भी सटीक आंकड़ा जुटाया जा सकेगा। इसका विश्लेषण करके जनपद में पानी की व्यवस्था दुरूस्त की जा सकेगी। इतना ही नहीं, इन राडार से डैम में घट रहे या बढ़ रहे पानी का आंकड़ा भी तुरंत मिल सकेगा। पानी की हर चाल पर रडार की निगरानी होगी। कहीं पर बांध टूटने, रिसाव से पानी बह रहा है तो उसकी भी जानकारी राडार के सिग्नल से मिल जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही ओझला पुल के पास एक ऐसा संयंत्र लगाया गया है जिससे गंगा में जलस्तर का सटीक आंकड़ा तुरंत मुहैया कराया जा रहा है। ओझला पुल के पास भी एक रडार लगाया जाएगा ताकि गंगा के जलस्तर का सटीक आंकड़ा समय से उपलब्ध हो सके।

ऐसे काम करेगा रडार

केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राडार से निकलने वाले अल्ट्रासोनिक किरण पानी में जाएंगी और वहां से रिफ्लेक्ट होकर वापस आएंगी। इससे पानी के वास्तविक जलस्तर का सटीक डाटा सेंटर को मिल जाएगा। जलस्तर की रिपोर्ट सेंटर डाटा लागर के माध्यम से आटोमैटिकली केंद्रीय जल आयोग के कंप्यूटर डाटा तक पहुंच जाएगी।

 

मीटर गेज से रडार तक

नदियों के जलस्तर मापने की पुरानी तकनीक मीटर गेज अब पुरानी हो गई है। इससे उन्नत तकनीक टेलीमेट्री सिस्टम है जो वर्तमान में जलस्तर का सही आंकड़ा दे रहा है। मीरजापुर में ओझला पुल के पास टेलीमेट्री सिस्टम लगाया गया है जिससे गंगा के बढ़ते जलस्तर का डाटा जारी किया जाता है।


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