डीरेका परिसर में चंद्रयान-दो में विराजे आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा, वेस्ट मैटेरियल से किया निर्माण Varanasi news
डीरेका परिसर में चंद्रयान-दो में विराजे आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा वेस्ट मैटेरियल से किया निर्माण।
वाराणसी [श्रवण भारद्वाज]। डीरेका में आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा के अवसर पर लोको असेम्बली शाप के द्वारा वेस्टेज मैटेरियल एंगल, प्लाई, थर्माकोल समेत अन्य वेस्टेज आइटम से चंद्रयान दो की प्रतिकृति बनाई गई थी। खास बात यह कि इसरो के द्वारा बनाये गए चंद्रयान-दो के प्रतिरूप में आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा को रखकर पूजा भी की गई। जिसने भी इस देखा वह भी भारतीय मेधा के प्रतिरुप को देखकर गौरव और श्रद्धा से भर गया। लोगों ने आदि शिल्पी को नमन तो किया ही साथ ही भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना में भी पीछे नहीं रहे।
प्रतिवर्ष डीरेका परिसर में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अनोखे ढंग से की जाती रही है। अपने निर्माण कौशल और तकनीकी के बल पर डीरेका का विश्व भर में डंका बजता रहा है। इस बार पूजा के लिए कर्मचारियों ने देश ही नहीं बल्कि विश्व भर में चर्चा में रहे इसरो के चंद्रयान दो की प्रतिकृति बनाकर उसमें आदि शिल्पी को स्थापित किया। डीरेका कर्मचारियों के अनुसार यह प्रतिरूप ISRO के वैज्ञानिकों के सम्मान में अर्पित किया गया है। जिन्होंने तकनीकी के क्षेत्र में भारतीय मेधा का परचम विश्व भर में फहराया है और भारत का नाम रोशन किया है। इसको बनाने में डीरेका के लोको असेम्बली शाप के कर्मचारी एम पी सिंह कार्यप्रबंधक, सुरेश शर्मा एसएससी, संदीप कुमार, राजेश श्रीवास्तव, सुजीत सोनकर, सूर्यनाथ प्रसाद आदि शामिल थे।
वहीें डीरेका महाप्रबंधक रश्मि गोयल ने भी चंद्रयान-दो का प्रतिरूप परिसर में देखकर डीरेका कर्मचारियों की काफी सराहना की। चंद्रयान दो के प्रतिरूप के बीच में आदि शिल्पी विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति स्थापित की गई थी। मूर्ति का महाप्रबंधक ने पूजा करने के साथ आरती भी की और प्रसाद भी ग्रहण किया। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर वर्कशॉप में आये लोगों ने चंद्रयान-दो के सामने खड़े होकर सेल्फी भी ली। देखते ही देखते डीरेका का यह प्रयास शहर भर में चर्चा का केंद्र बन गया।