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बकरों का सजा बाजार, ईद-उल-अजहा का इंतजार

ईद-उल-अजहा नजदीक आते ही बनारस के बेनियाबाग में अस्थाई बकरा मार्केट सज-धज कर तैयार है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 01:13 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 01:13 PM (IST)
बकरों का सजा बाजार, ईद-उल-अजहा का इंतजार

वाराणसी : ईद-उल-अजहा नजदीक आते ही बेनियाबाग में अस्थाई बकरा मार्केट सज-धज कर तैयार है। व्यापारी इटावा, मैनपुरी, कानपुर, बहराइच, गोरखपुर, कन्नौज, मऊ, फतेहपुर सहित पश्चिमी यूपी से बकरा लेकर पहुंचे हैं। मार्केट में बरबरी बकरों की भरमार है। वहीं तोतापरी, अजमेरी, जमुनापारी के साथ ही भेड़ भी बिकने को पहुंचे हैं। एक ओर जहां बकरे चार हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक में मिल रहे हैं। वहीं भेड़ 15 से 35 हजार रुपये तक में उपलब्ध हैं। प्रबंध कमेटी के माहताब आलम के अनुसार व्यापारियों को टिन शेड उपलब्ध कराने के साथ ही पानी व सुरक्षा भी मुहैया कराई जा रही है। दो दर्जन से अधिक वालंटियर्स मैदान के हर प्रवेश पर लगाए गए हैं।

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कुर्बानी के लिए पालते हैं बकरे : शहर में बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो तीस-चालीस हजार की कीमत वाले बकरे नहीं खरीद सकते। ऐसे लोग बेनियाबाग बकरा मंडी में पहुंचे अजमेरी व तोतापरी नस्ल के दो से तीन माह बच्चों को चार से पांच हजार रुपए में खरीद कर पालते हैं। साल भर में ये बच्चे 50 किलो तक के हो जाते हैं। वहीं पाले हुए जानवर की कुर्बानी को इस्लाम में अफजल भी बताया गया है।

शौक में खरीदते हैं मंहगे बकरे : बकरों के शौकीन शहर में कई हैं, जो यहां बिकने आए खूबसूरत व तंदुरुस्त बकरों को ही खरीदना पसंद करते हैं। तोतापरी व अजमेरी नस्ल के ऐसे बकरों की कीमत इस बार 60 से 70 हजार रुपए है। वहीं इस बार मंडी में अभी तक दुंबा की आमद नहीं हुई।


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