बरसात ने बढ़ाया वायरल डायरिया का खतरा, उल्टी-दस्त पीडि़तों से पटी अस्पतालों की ओपीडी
मौसम के साथ डायरिया का प्रकोप बढऩे लगा है। सोमवार को उल्टी-दस्त रोगियों से अस्पतालों की ओपीडी पटी रही। इसमें 48 को विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती किए गए।
वाराणसी, जेएनएन। बदलते मौसम के साथ डायरिया का प्रकोप बढऩे लगा है। सोमवार को उल्टी-दस्त रोगियों से अस्पतालों की ओपीडी पटी रही। इसमें 48 को विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भर्ती किए गए। साथ ही 200 से अधिक लोगों को परामर्श व दवा दी गई। इनमें वायरल डायरिया पीडि़तों की संख्या अधिक रही।
दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में आने वाले मरीजों में आशापुर, शिवपुर, पहडिय़ा, पांडेयपुर, हरहुआ व खजुरी से वायरल डायरिया के मरीज अधिक पहुंचे। बाल रोग विशेषज्ञ डा. मनीष तिवारी के अनुसार बरसात में वायरल डायरिया से लोग अधिक ग्रसित होते हैं। इसकी मुख्य वजह दूषित पानी व खाद्य पदार्थ है।
रोटा वायरस और नोरो वायरस इंफेक्शन फैलाते हैं जिससे पांच साल से छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक में डायरिया की आशंका रहती है। एडेनोवायरस हर उम्र के लोगों में डायरिया फैलाता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी डायरिया होता है। कभी- कभी एंटीबायोटिक से भी डायरिया होता है। इसलिए बिना डाक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं नहीं खानी चाहिए।
लक्षण : पानी के साथ लूज मोशन, पेट दर्द व ऐंठन, तेज बुखार, शरीर में पानी की के कारण मुंह सूखना, त्वचा में सिकुडऩ, अधिक नींद आना, खाने-पीने से अनिच्छा, आंखें धंसना, पेशाब न होना आदि।
बरतें सावधानी : नजदीकी सरकारी अस्पताल तक जाएं और डाक्टर से परामर्श लें। ओआरएस का घोल पिलाएं, नमक- चीनी का घोल और दाल का पानी पिलाना भी फायदेमंद। बच्चे को दूध बिल्कुल न दें। वसायुक्त भोजन से परहेज। नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाएं और डाक्टर की सलाह अनुसार ही दवा लें।