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गंगा किनारे के गांवों को पर्यटन के आधार पर विकसित किया जाएगा - नीलकंठ तिवारी

विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर पर्यटक और गाइडों का रविवार को वाराणसी में सम्मान किया गया। प्रातः मानमहल वेधशाला में उत्तर प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने काशी पधारे यात्रियों व इनको काशी से परिचय कराने वाले गाइडों का सम्मान किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 01:17 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 07:31 PM (IST)
गंगा किनारे के गांवों को पर्यटन के आधार पर विकसित किया जाएगा - नीलकंठ तिवारी
विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर पर्यटक और गाइडों का रविवार को वाराणसी में सम्मान किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर पर्यटक और गाइडों का रविवार को वाराणसी में सम्मान किया गया। प्रातः मानमहल वेधशाला में उत्तर प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने काशी पधारे यात्रियों व इनको काशी से परिचय कराने वाले गाइडों का सम्मान किया। सम्मान में काशी की पहचान काष्ठ उद्योग में बना लकड़ी का सुंदर वाल हैंगिग, रुद्राक्ष माला और अंगवस्त्र प्रदान किया गया। सम्मान प्राप्त कर पर्यटक भी काफी अभिभूत हुए। गाइड जो काशी की संस्कृति व इसके इतिहास से यात्रियों को परिचय कराते हैं उन्होंने भी काफी प्रसन्नता जाहिर की। कहा कि आज काफी अच्छा लगा कि हम जिस पर्यटन के क्षेत्र में कार्य करते हैं उसी मंत्रालय के मंत्री द्वारा सम्मान प्राप्त हुआ यह गौरव की बात है हम मंत्री जी के आभारी हैं कि उन्होंने हम लोगों के बारे में भी सोचा।

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कार्यक्रम की शुरुआत में संयोजक विप्र फाउंडेशन के अध्यक्ष पवन शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। सभी होटल, गेस्ट हाउस व धर्मशाला खाली पड़े हैं। काशी का पर्यटन विश्व में अपना स्थान रखता है। इसकी संस्कृति से प्रभावित होकर लोग यहा निरंतर आते रहते हैं। ऐसे में आज यदि हम किसी यात्री का सम्मान करते हैं तो उसे काफी अच्छा महसूस होता है। काशी के चारों कोनों से परिचित कराने वाले वरिष्ठ गाइड डा. दिनेश तिवारी, अविनाश गुप्ता, कृष्ण कुमार निषाद, आशीष झा व पर्यटकों में कोरिया के ली कूक सियोंग, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के सत्यम मिश्रा, अनामिका मिश्रा तथा चेन्नई के लिंगमूर्ति का सम्मान हुआ।

संबोधन में पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में पर्यटन पर काफी असर पड़ा है। किंतु प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से पर्यटन विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। डोमेस्टिक टूरिज्म पर कार्य किया जा रहा है। गंगा घाट के किनारे के गांवों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की अर्थगंगा योजना पर काम हो रहा है। कोरोना काल की महामारी में काशी में पर्यटन संभावनाओं को देखते हुए मांझी समाज द्वारा नावों का संचालन, गंगा आरती दर्शन सांस्कृतिक पक्ष आध्यात्मिक पक्ष सभी पर विचार कर धीरे-धीरे प्रारंभ किया जा रहा है। काशी आध्यात्म व पर्यटन का विशेष केंद्र माना जाता है अतः उस केंद्र को पुनः उसी रूप में स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में लगातार इस पर कार्य कर रही है । कार्यक्रम का संचालन संयोजक पवन शुक्ला ने किया। स्वागत वेदमूर्ति शास्त्री व विनय यादव ने किया। प्रारंभ में उदित नारायण मिश्र ने मंगलाचरण का पाठ किया। उपस्थित अन्य प्रमुख लोगों में प्रदीप पांडेय, अतुल मिश्र, निशांत मिश्र, शांतनु चक्रवाल, लकी शास्त्री तथा आब्जरवेटरी के प्रभारी अनिल सिंह व रजनीश सिंह आदि उपस्थित थे।


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