पाकिस्तान से लौटे पुनवासी को लेने अमृतसर जाएंगे ग्राम प्रधान, प्रशासन ने खड़े किए हाथ
पाकिस्तान की जेल से 11 साल बाद छूटने के बाद देश के बाघा बार्डर स्थित अमृतसर के हेल्थ केयर सेंटर में मौजूद भरूहना निवासी पुनवासी को लाने से प्रशासन ने हाथ खड़ा कर दिया। ऐसे में प्रधान ने पुनवासी को लाने की जिम्मेदारी उठाई है।
मीरजापुर [प्रशांत यादव]। पाकिस्तान की जेल से 11 साल बाद छूटने के बाद देश के बाघा बार्डर स्थित अमृतसर के हेल्थ केयर सेंटर में मौजूद भरूहना निवासी पुनवासी को लाने से प्रशासन ने हाथ खड़ा कर दिया। ऐसे में प्रधान ने पुनवासी को लाने की जिम्मेदारी उठाई है। परिवार को आश्वासन दिया कि वे ग्रामीणों के साथ मिलकर उनकी मदद करने के साथ पुनवासी को अमृतसर से लाने का कार्य भी कराएंगे। प्रधान के इस हौसले को गांव के लोगों ने खुशी जताई है।
लाहौर जेल में 11 साल से बंद रहे देहात कोतवाली के भरूहना गांव निर्माण पुनवासी (45) का पता लगाने में जनपदीय पुलिस ने कामयाबी तो हासिल कर ली, लेकिन जब उसके छुटने के बाद घर लाने की बारी आई तो मदद करने से हाथ खड़ा कर दिया। प्रशासन ने कहा कि पुनवासी को सरकारी खर्च पर घर नहीं लाया जा सकता है। इसके लिए उनको खुद अपने खर्च पर वहां जाकर पुनवासी को लाना होगा। यह सुन गरीब परिजन सन्न रह गए। परिवार में एक मात्र बची बहन किरन निवासी बहुती लालगंज ने कहा कि उसके पास इतने रुपये नहीं हैं कि वह अमृतसर जाकर अपने भाई को ला सके।
कोरोना के चलते उनके पति का काम बंद था और जो रुपये जुटा कर रखे थे, वे घर चलाने में खर्च हो गए। इस समय उसके पास एक रुपये भी नहीं हैं। ऐसे में वह कैसे भाई को लाने जाएंगी। प्रशासन द्वारा हाथ खड़ा करने पर भरूहना गांव की प्रधान प्रेमा देवी से परिवार के लोगों ने पुनवासी को लाने में मदद की गुहार लगाई। प्रधान ने पुनवासी को गांव का सदस्य बताकर उसे लाने का आश्वासन दिया। कहा कि वे पुनवासी को लाने के लिए ग्रामीणों से मदद करने की बात कहेंगी। इसके साथ ही वे खुद भी जितना हो सकेगा मदद करेंगी। पुनवासी को हर हाल में घर लाया जाएगा। ग्राम प्रधान के आश्वासन के बाद ग्रामीणों में खुशी है।