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देशभर के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपति लिखेंगे रक्षामंत्री को पत्र, सेना ने शास्त्री की डिग्री को स्नातक मान्‍यता की मांग

भारतीय सेना ने शास्त्री की डिग्री को स्नातक के समकक्ष मानने से इंकार कर दिया है। इसे लेेकर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय ही नहीं देशभर के संस्कृत विश्वविद्यालयों में रोष है। कुलपतियों ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखने का निर्णय लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 10:56 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 10:56 AM (IST)
देशभर के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपति लिखेंगे रक्षामंत्री को पत्र, सेना ने शास्त्री की डिग्री को स्नातक मान्‍यता की मांग
देशभर के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपति लिखेंगे रक्षामंत्री को पत्र

जागरण संवाददाता, वाराणसी : भारतीय सेना ने शास्त्री की डिग्री को स्नातक के समकक्ष मानने से इंकार कर दिया है। इसे लेेकर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ही नहीं देशभर के संस्कृत विश्वविद्यालयों में रोष है। इस क्रम में इसके स्थायी समाधान या अध्यादेश जारी करने के लिए देशभर के 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने रक्षा मंत्री को पत्र लिखने का निर्णय लिया है।

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से संपर्क किया जा रहा है ताकि वह रक्षामंत्री को पत्र लिखे। उन्होंने बताया कि इसे मुद्दे पर गत दिनों नई दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर उनसे मिलकर स्थायी समाधान कराने का अनुरोध किया था।

इस दौरान रक्षामंत्री को शास्त्री की डिग्री स्नातक के समकक्ष व आचार्य की डिग्री स्नातकोत्तर के समकक्ष होने के संबंध में यूजीसी की ओर जारी समकक्षता का परिपत्र भी सौंपा। उन्हें बताया कि जून-202़1 में भी भारतीय सेना ने धर्मगुरु पद के लिए शास्त्री की डिग्री पर सवाल उठाया था। प्रमाणदेने के बाद सेना ने शास्त्री-आचार्य की डिग्री यूजी-पीजी के समकक्ष माना। वहीं इस बार भी धर्मगुरु के पद के लिए शास्त्री डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को सेना ने प्रवेशपत्र जारी कर दिया। इसके बाद लिखित परीक्षा शास्त्री डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को विचाराधीन में रखा गया है। इससे शास्त्री डिग्रीधारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने इसके स्थायी समाधान कराने का अनुरोध किया है। कुलपति के साथ संस्कृत भारती के अखिल भारतीय शास्त्र संरक्षण प्रमुख डा. संजीव राय भी थे।

कुलपति ने बताया कि रक्षामंत्री ने इसके स्थायी समाधान के लिए आश्वासन दिया है। ऐसे में छात्रों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उधर गत दिनों जागरण में प्रकाशित सेना ने किया शास्त्री की डिग्री अमान्य नामक खबर पर देशभर के संस्कृत विद्वानों ने चिंता जताई है। योगगुरु बाबा रामदेव में भी ट्वीट कर कहा है कि संस्कृत दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन व वैज्ञानिक भाषा है। भारत का पुरातन ज्ञान-विज्ञान संस्कृत में ही है। देश में संस्कृत को समुचित सम्मान मिलना ही चाहिए। आज विदेशों में भी संस्कृत की पढ़ाई हो रही है।


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