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"अब लोन क किस्तवा बढ़ा देता त मेहरबानी होत साहब" आर्थिक सहायता की घोषणा के बाद वेंडरों की बढ़ी उम्मीद

पथ विक्रेता मजदूर नाविक और रिक्शा व ट्राली चालकों को निःशुल्क अनाज एवं एक हजार रुपए आर्थिक मदद की घोषणा के बाद उन्होंने आभार जताया। वहीं संक्रमण काल में बेरोजगारी झेल रहे ऐसे लोगों की योगी सरकार से उनकी उम्मीदें बढ़ गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 03:19 PM (IST)
"अब लोन क किस्तवा बढ़ा देता त मेहरबानी होत साहब" आर्थिक सहायता की घोषणा के बाद वेंडरों की बढ़ी उम्मीद
संक्रमण काल में बेरोजगारी झेल रहे ऐसे लोगों की योगी सरकार से उनकी उम्मीदें बढ़ गई है।

वाराणसी, जेएनएन। पथ विक्रेता, मजदूर, नाविक और रिक्शा व ट्राली चालकों को निःशुल्क अनाज एवं एक हजार रुपए आर्थिक मदद की घोषणा के बाद उन्होंने आभार जताया। वहीं, संक्रमण काल में बेरोजगारी झेल रहे ऐसे लोगों की योगी सरकार से उनकी उम्मीदें बढ़ गई है। इसके तहत प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों ने ऋण के किस्तों को छह महीने आगे बढ़ाने की गुहार लगाई। ताकि परिस्थितियां सामान्य होने तक बकाया क़िस्त चुकाने का मानसिक दबाव व तनाव भरे माहौल से मुक्ति मिल सके। 

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संक्रमण काल में रोजगार बेपटरी होने के कारण मुफ़लिसी पर मजबूर पथ विक्रेताओं को उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी। जिसका सीधा लाभ वाराणसी की 46,238 गरीब जनता को मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 60 हजार जरूरतमंद लाभान्वित होंगे। इनमें ठेला, खोमचा,रेहड़ी लगाने वाले, पथ विक्रेता, रिक्शा, ट्राली चालक, नाविक, पल्लेदार व मजदूर समेत रोजमर्रा की कमाई करने वाले शामिल है। इसके पूर्व गत वर्ष सम्पूर्ण बंदी में बदहाल ऐसे लोगों की दशा सुधारने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत दस हजार रुपये ऋण उपलब्ध कराया गया था। एक वर्ष के अंदर आंशिक लॉकडाउन के चलते पथ विक्रेताओं की दशा फिर बिगड़ गई।

अजीविका संकट के साथ ऋण चुकाने की चिंता

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में आजीविका चलाने के संकट के बीच पथ विक्रेताओं को दस हजार रुपये ऋण का क़िस्त चुकाने की चिंता सता रही है। आंशिक लॉकडाउन में लाभार्थियों की आमदनी पूरी तरह से बंद हो गई। ऐसे में प्रत्येक महीने नौ सौ 26 रुपये बैंक क़िस्त कैसे चुकाए, उन्हें चिंता सताए जा रही है। वाराणसी के 24 हजार वेंडरों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ मिला था। 47 हजार लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 27 हजार वेंडर चयनित हुए थे। जनवरी 2021 तक 24 करोड़ रुपए राशि बांटी जा चुकी है।

बोले कारोबारी

"प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से फिर से आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला। कुछ महीनों बाद कोरोना की दूसरी लहर में सब चौपट हो गया। बैंक का कर्ज भरने की चिंता सता रही है।" - विजय यादव, चाय विक्रेता

"मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हम पथ विक्रेताओं का जीवन सुधारने के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। यह काबिल- ए- तारीफ है। यदि इसी तरह ऋण के क़िस्त में कुछ महीनों की छूट मिल जाती तो बेहतर होगा।"

- मुन्नी देवी, कास्मेटिक विक्रेता

"कोरोना वायरस के कारण आंशिक लॉकडाउन से धंधा पूरी तरह मन्दा पड़ गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत प्राप्त सरकारी ऋण की दो महीने की क़िस्त टूट गई है। कुछ दिनों पहले बैंक से फोन भी आया था।"

- गीता देवी, रेडीमेड विक्रेता

"मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक हजार रुपये आर्थिक सहायता भत्ता और निशुल्क अनाज की घोषणा करके पथ विक्रेताओं का जीवन सुधारने का अवसर प्रदान किया है। लेकिन इन सब के बीच यदि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत मिले ऋण चुकाने में छह महीनों का समय और मिल जाता तो काफी राहत मिलेगी।" - अभिषेक निगम, सचिव फेरी पटरी ठेला व्यवसायी समिति।


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