यहां यूपी के थानों को यूं ही लांघ लेते शराब लदे वाहन, उठ रहे सवाल
यह बात सभी को तब ताज्जुब में डाल देती है जब जनपद के आखरी छोर पर स्थित मांझी के जयप्रभा सेतू उस पार शराब लदे कोई ट्रक या पिकअप आदि बिहार की सीमा में पकड़े जाते हैं।
बलिया, जेएनएन। यह बात सभी को तब ताज्जुब में डाल देती है जब जनपद के आखरी छोर पर स्थित मांझी के जयप्रभा सेतू उस पार शराब लदे कोई ट्रक या पिकअप आदि बिहार की सीमा में पकड़े जाते हैं। अखिर वह ट्रक गैर राज्य से अवैध अंग्रेजी शराब लेकर बलिया के एनएच-31 रूट के सभी थानों को पार करते हुए कैसे बिहार में प्रवेश कर जाते हैं।
यूपी की ओर से हरियाणा निर्मित लगभग 331 पेटी शराब लोड कर एक ट्रक मांझी के बलिया मोड़ पर जैसे ही पहुंचा तो वहां बिहार की पुलिस ने उसे दबोच लिया। यहां सवाल यह कि ऐसे वाहन यूपी के सभी थानों को कैसे लांघ लेेते हैं। इस कारोबार में लिप्त कोई बड़ा तस्कर यूपी पुलिस के हाथ क्यों नहीं आ पाता। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इस विषय पर गंभीरता से मंथन करना होगा। इस कारोबार में जनपद के बड़े तस्करों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
यहां लंबे समय से शराब की तस्करी और लाल बालू के कारोबार
एनएच-31 के रुट की बात करें तो मांझी के जयप्रभा सेतु तक पहुंचने से पहले किसी भी शराब लदे वाहन का सामना पहले दुबहर थाना, उसके बाद हल्दी थाना, रामगढ़ पुलिस चौकी और बैरिया थाना से होता है। यहां से भी निकल गए तो यूपी की आखरी पुलिस चौकी चांददियर है। इस चौकी के जिम्मे यूपी-बिहार सीमा की हर गतिविधियों पर नजर रखने की है, लेकिन चांददियर की पुलिस बहुत कम शराब के केस को पकडऩे में सफल हो पाती है। जबकि वहां शराब पकडऩे के कई विकल्प मौजूद हैं, फिर भी ऐसा नहीं हो पाता। इलाकाई लोग बताते हैं कि यहां लंबे समय से शराब की तस्करी और लाल बालू के कारोबार चल रहा है। वहीं पुलिस की स्थिति यह है कि उसकी पकड़ से सभी तरह के तस्कर सदैव बाहर ही रहते हैं।
खास चर्चा में मांझी का बलिया मोड़
जयप्रभा सेतु के उस पार मांझी का बलिया मोड़ शराब को लेकर ही काफी चर्चा में आ चुका है। हर सप्ताह यहां शराब लदे बड़े-छोटे वाहन पकड़े जा रहे हैं। वहीं जनपद की पुलिस देसी शराब के खेप को पकड़ कर अपना पीठ थपथपाने में मस्त है। यहां सवाल यह भी बनता है कि आखिर वे बड़े वाहन शराब की अवैध खेप लेकर यूपी के इन सभी थानों को आसानी से कैसे लांध लेते हैं।