एक क्लिक में शहर के कोने-कोने तक पहुंचेगा वीडीए, अवैध निर्माण पर होगी पैनी नजर
नगर के नियोजित विकास के लिए व्यवस्थाओं को विकास प्राधिकरण हाइटेक कर रहा है। इसके तहत अब महायोजना 2031 को सेटेलाइट आधारित किया जा रहा है। इससे जहां एक ओर अवैध निर्माणों पर अंकुश लगेगा तो वहीं नगर के नियोजित विकास को गति मिलेगी।
वाराणसी, जेएनएन। नगर के नियोजित विकास के लिए व्यवस्थाओं को विकास प्राधिकरण हाइटेक कर रहा है। इसके तहत अब महायोजना 2031 को सेटेलाइट आधारित किया जा रहा है। इससे जहां एक ओर अवैध निर्माणों पर अंकुश लगेगा तो वहीं, नगर के नियोजित विकास को गति मिलेगी। एरिया आधारित विकास व टाउनशिप को आकार में सहूलियत होगी तो लैंड यूज की जानकारी आमजन भी आसानी से कर सकते हैं।
इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने दो संस्थाओं को जोड़ा है। इसमें पहली संस्था सेप्ट यानी सेंट्रल फार इनवायरोमेंट प्लानिंग एंड टेक्नालाजी अहमदाबाद है जो भारत सरकार का उपक्रम है। इसका काम नगर विकास को लेकर बन रहे प्लानिंग पर मार्ग दर्शन करना है लेकिन इससे पहले सूरत की कंस्टल्टेंट कंपनी डिजाइन प्वाइंट महायोजना 2031 को सेटेलाइट आधारित करेगी जिसकी शुरुआत कंपनी ने कर दी है।
इन कामों के लिए अमृत योजना से धन निर्गत हुआ है। करीब एक करोड़ का अनुमानित बजट आरक्षित किया गया है। मास्टर प्लान को सेटेलाइट आधारित करने के काम में 25 लाख रुपये खर्च होंगे। विकास प्राधिकरण क्षेत्र में कहां भवन है और वहां क्या उपयोग हो रहा है, लैंड यूज आदि का ब्योरा होगा। अवैध निर्माण रुकेगा। लोकल एरिया डेवलपमेंट प्लान को भी गति देंगे। वर्तमान में मैनअली लैंड यूज की जांच करने में परेशानी हो रही है। मास्टर प्लान कुछ कहता है और मौके की स्थिति कुछ रहती है। सेटेलाइट आधारित व्यवस्था होने के बाद यह परेशानी खत्म हो जाएगी। सर्वे का ब्योरा वीडीए की वेबसाइट पर अपलोड हो जाएगा जिससे आमजन भी जानकारी कर सकेंगे।
महायोजना 2031 सेटेलाइट आधारित किया जा रहा
महायोजना 2031 सेटेलाइट आधारित किया जा रहा है। इससे वीडीए को बहुमुखी सहयोग मिलेगा। लैंड यूज का सर्वे आसान हो जाएगा तो अवैध निर्माण पर अंकुश लगेंगे। इसके अलावा विकास योजनाओं को गति देने में भी उल्लेखनीय मदद मिलेगी।
-राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण