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वाराणसी के रोहनिया, रामनगर और चंदौली पीडीडीयू नगर में वीडीए बनाएगा टाउनशिप, लैंड पुलिंग स्कीम से दूर होगी जमीन की कमी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने तैयारी तेज कर दी है। प्रस्तावित योजनाओं को आकार देने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत रोहनिया के मोहनसराय में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर योजना को प्राथमिकता में रखा जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 11:32 PM (IST)
विकास प्राधिकरण की ओर से टाउनशिप बसाने की तैयारी की जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने तैयारी तेज कर दी है। प्रस्तावित योजनाओं को आकार देने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत रोहनिया के मोहनसराय में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर योजना को प्राथमिकता में रखा जा रहा है। यहां के किसानों को न्याय दिलाने की मांग विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री के सामने भी उठी थी। इसे देखते हुए विकास प्राधिकरण की ओर से टाउनशिप बसाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, करीब दो दशक होने वाला है, लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर योजना जमीन पर नहीं आ सकी है।

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सैटेलाइट टाउनशिप पर मंथन

रिंग रोड किनारे ऐढ़े समेत छह गांवों को शामिल कर नई काशी के अलावा रामनगर व पीडीडीयू नगर में टाउनशिप का खाका खींचा जा रहा है। रामनगर व पीडीडीयू नगर को मिलाकर सैटेलाइट टाउनशिप पर मंथन हो रहा है। हाईवे ट्रैंग्युलर में गंगापार रामनगर और उसके आगे पीडीडीयू नगर को मिलाकर सैटेलाइट टाउन बनाने पर विचार हो रहा है।

बनारस को नए शहर से जोडऩे के लिए बन रहा ङ्क्षरग रोड मुफीद साबित होगा। पीएम नरेंद्र मोदी के बनारस का सांसद चुने जाने के साथ ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सैटेलाइट टाउन डेवलप करने की कवायद शुरू कर दी थी। रामनगर, पीडीडीयू नगर, चोलापुर, शिवपुर और बाबतपुर में सैटेलाइट टाउनशिप पर मंत्रालय का जोर था। वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन के अनुसार वीडीए जमीन की उपलब्धता लैंड पुङ्क्षलग स्कीम के जरिए करेगा। इसके तहत किसान भी योजना से लाभान्वित होंगे।

ट्रांसपोर्ट नगर के लिए शासन से गुहार

ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर वीडीए ने शासन से गुहार लगाई है। 855 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर पूर्व में ही शासन को भेजा गया है। हालांकि, अब तक प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कोई संकेत नहीं दिए हैं। न तो सहमति जताई है और न ही इन्कार किया है। चूंकि, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने पूर्व में ही प्रस्तावित रकबा के सापेक्ष 40 फीसद से अधिक किसानों की जमीन अधिग्रहित कर ली है, इसलिए यहां पीछे लौटना मुश्किल है। इसे देखते हुए आवासीय योजना को आकार देने के लिए योजना बनाई जा रही है। नगर विस्तार को देखते हुए यह क्षेत्र मुफीद भी माना जा रहा है।

82.159 हेक्टेयर करना है अधिग्रहण

ट्रांसपोर्ट नगर बसाने के लिए वीडीए को 82.159 हेक्टेयर कुल भूमि अधिग्रहण करना है। इस योजना से मिल्की चक, करनाडांडी, सरायमोहाना, बैरवन गांव के 1194 किसान प्रभावित हैं। अब तक 781 किसान 45 हेक्टेयर भूमि देने के लिए सहमत हैं और उनमें से 771 किसानों ने 34.41 करोड़ मुआवजा भी ले लिया है। 413 किसानों से 35 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा देना है।

चार गुना रेट से जमीन देंगे किसान

ट्रांसपोर्ट नगर का विरोध कर रहे किसानों को नई भूमि अर्जन नीति के तहत चार गुना रेट से धनराशि चाहिए, जबकि वीडीए के पास उलझन है कि पूर्व में पुराने दर से 45 हेक्टेयर भूमि अर्जित की जा चुकी है। ऐसे में एक ही योजना में दोहरा मापदंड अव्यावहारिक है। वहीं, किसानों का कहना है कि जिस प्रकार ङ्क्षरग रोड के लिए पुरानी दर को दरकिनार कर नई दर से भूमि अर्जित की गई, उसी प्रकार इस योजना की जमीनों को लेना व्यावहारिक होगा क्योंकि दोनों योजना का प्रस्ताव एक ही समय बना था।


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