काशी ने वसंत पंचमी मनाई, सर्व विद्या की नगरी में धूूमधाम से वाग्देवी की आराधना
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर रविवार को काशीवासियों ने वसंत पंचमी धूमधाम से मनायी। विद्या-बुद्धि और विवेक-वाणी की देवी मां सरस्वती के प्रति श्रद्धा दिखायी।
वाराणसी, जेएनएन। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर रविवार को काशीवासियों ने वसंत पंचमी धूमधाम से मनायी। विद्या-बुद्धि और विवेक-वाणी की देवी मां सरस्वती के प्रति श्रद्धा दिखायी। देवालयों - शिक्षालयों में रच रच श्रृंगार तो गली- मोहल्लों में पंडालों में देवी को विराजमान कराकर झांकी सजाई गयी। श्रद्धालुओं ने पीले परिधान धारण कर पीले फल-फूल और मिष्ठान से पूजन-अनुष्ठान किए गये। वेद मंत्रों के बीच पूजन- हवन किया गया और मातारानी की जयकार से चहुंदिशाएं गूंजती रहीं।
वसंत पंचमी की रंगत सुबह से गलियाें-सड़कों पर बिखर आईं। पीत वस्त्र धारण किए महिला-पुरुष व बच्चों ने सरस्वती मंदिरों मे पूजा आराधना की। घरों में पूजा आराधना के बाद बच्चों ने स्कूलों का रूख किया। यहां के साथ ही पंडालों में भी लोगें ने सामूहिक पूजन-अनुष्ठान किया।
गंगा मे पुण्य की डुबकी : माघ मास के तीसरे प्रमुख स्नान वसंत पंचमी पर रविवार को श्रद्धालुअों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। भोर से ही घाटों की ओर रेला उमड़ा। दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अस्सीघाट, पंचगंगा घाट, भैसासुर घाट समेत अन्य घाटों पर खूब भीड़ रही। लोगों ने स्नान-दान के साथ ही देवालयों मे दर्शन-पूजन भी किया।
रेड़ से रखी होलिका की नींव : वसंत पंचमी की परंपरा के अनुसार गांव-मोहल्लों में होलिका के लिए रेड़ गाड़ी गई। तय स्थान पर गढ्डा खोद कर पान-सुपाड़ी-दक्षिणा आदि रखकर होलिका का श्रीगणेश किया गया। कई स्थानों पर परंपरा अनुसार होली व धमार गायन भी किया गया।