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प्रदेश के थानों में पुलिस का जोश बढ़ाएगी वाराणसी की काष्ठ कला, पुलिस मुख्यालय से मिला आर्डर

कार्यालय में अधिकारियों की टेबल पर कोई न कोई सिंबल या कलाकृति रहती है। जो आकर्षक होती ही है कर्तव्य निष्ठा एवं जिम्मेदारी का अहसास कराने के साथ कार्य के प्रति जोश भी बढ़ाती है। प्रदेश के हर थाने में काशी के काष्ठ उत्पादों को जगह देने की तैयारी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 11:46 AM (IST)
प्रदेश के थानों में पुलिस का जोश बढ़ाएगी वाराणसी की काष्ठ कला, पुलिस मुख्यालय से मिला आर्डर
अब प्रदेश के हर थाने में काशी के काष्ठ उत्पादों को जगह देने की तैयारी है।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। लगभग हर कार्यालय में अधिकारियों की टेबल पर कोई न कोई सिंबल या कलाकृति रहती है। जो आकर्षक होती ही है, कर्तव्य, निष्ठा एवं जिम्मेदारी का अहसास कराने के साथ कार्य के प्रति जोश भी बढ़ाती है। इसी को ध्यान में रखकर अब प्रदेश के हर थाने में काशी के काष्ठ उत्पादों को जगह देने की तैयारी है। जो पुलिस जवानों में जोश भरेंगे और 'आत्मनिर्भर भारत का अहसास कराएंगे। यहां के काष्ठ शिल्पी नरेंद्र सिंह ने एक सिंबल बनाया है, जिसमें एक पटरी पर लैंप, पुलिसकर्मी व पीआरवी वैन दर्शायी है। कुल 300 सिंबल बनाने हैं, जिसमें 100 पीस तत्काल भेजना है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई माह पूर्व और गत दिवस काशी में बनने वाले लकड़ी के खिलौनों या अन्य वस्तुओं की तारीफ की थी। इसे बढ़ावा देने के लिए चार दिवसीय इंडिया टॉय फेयर का आयोजन किया जा रहा है, ताकि काशी के हुनर से दुनिया परिचित हो। कोरोना के कारण कारोबार को झटका लगा था, लेकिन पीएम की इस ओर रुचि के बाद लकड़ी का खिलौना व्यवसाय पटरी पर लौट रहा है। देश-विदेश से काष्ठ कलाकृतियों के आर्डर आ रहे हैं। शहर के कश्मीरीगंज, खोजवां निवासी शिल्पी नरेंद्र सिंह ने कहाकि पुलिस मुख्यालय से 4.50 लाख में 300 सिंबल बनाने का आर्डर मिला है। इसमें सौ पीस तैयार हो रहा है।

तीन प्रकार की लकड़ी से कलाकारी

नरेंद्र सिंह ने बताया कि एक पटरी तैयार कर इस पर एक पुलिसकर्मी तैनात दिखाया गया है। जिसे कैमा लकड़ी से बनाया गया है। कोरैया लकड़ी से लैंप व चिलबिल से डायल 112 की पीआरवी वैन बनाई है।

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