Varanasi Weather Update : बदले हवा के रुख ने बढ़ाई बादलों की आवाजाही, उमस के कारण लोगों की बेचैनी बढ़ी
मानसून का ट्रफ गंगा के समतल मैदान से दूर जाने के बाद भी बदले हवा के रुख के चलते एक बार फिर आसमान में बादल सघन होने की संभावना है। हालांकि इनसे अच्छी वर्षा की उम्मीद नहीं है। कहीं-कहीं गरज के साथ बूंदाबांदी हो सकती है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : मानसून का ट्रफ गंगा के समतल मैदान से दूर जाने के बाद भी बदले हवा के रुख के चलते एक बार फिर आसमान में बादल सघन होने की संभावना है। हालांकि इनसे अच्छी वर्षा की उम्मीद नहीं है। कहीं-कहीं गरज के साथ बूंदाबांदी हो सकती है। सोमवार को उमस का मौसम बना रहा। मंगलवार सुबह से आसमान साफ नजर आ रहा है।
हवा का रुख पुरवा से बदलकर पछुआ हो गया
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय बताते हैं कि हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ के चलते वर्षा का क्रम जारी है। चूंकि इस क्षेत्र में भी हवा का रुख पुरवा से बदलकर पछुआ हो गया है। इसके चलते इसके प्रभाव से बादलों की सघनता कुछ बढ़ गई है लेकिन बादल यहां तक आते-आते काफी कमजोर भी हो जा रहे हैं।
वातावरण में आर्द्रता 88 प्रतिशत
इसलिए इनसे अच्छी वर्षा की उम्मीद तो नहीं है, हां, स्थानीय कारणों से भोर में रात में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। दिन में ज्यादातर बादलों का साया बना रह सकता है, कभी-कभी धूप भी दिख सकती है। कुल मिलाकर धूप-छांव का क्रम जारी रह सकता है। सोमवार को अधिकतम तापमान बीते 24 घंटे की अपेक्षा 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर सामान्य से एक अधिक 34 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया तो न्यूनतम तापमान भी 24 डिग्री से बढ़कर 24.4 डिग्री सेल्सियस हो गया। वातावरण में आर्द्रता 88 प्रतिशत बनी रही।
जलस्तर स्थिर होने के बाद एक सेमी प्रति घंटा घटने लगीं गंगा
एक सप्ताह पूर्व फिर से बढ़ने लगे गंगा के जलस्तर में शुक्रवार को स्थिरता आने के बाद शनिवार से फिर घटाव शुरू हो गया। पानी वापस नदी के पेटा में समाने लगा है। शनिवार से ही एक सेमी प्रति घंटा के वेग से हाे रहा जलस्तर में घटाव रविवार की सुबह के बाद लगभग स्थिर सा हो गया था। सुबह आठ बजे से लेकर रात 10 बजे तक 10 घंटों में जलस्तर में महज सात सेमी की कमी आई।
बीते 10 घंटों में पानी में लगभग सात सेमी की कमी आई। वह भी तब,जब शाम चार बजे के बाद जलस्तर ने फिर एक सेमी प्रति घंटा वाली रफ्तार पकड़ी। यानी सुबह आठ बजे से चार बजे तक महज एक सेमी पानी ही कम हो सका था। केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा प्रखंड कार्यालय के अनुसार रात 10 बजे राजघाट पर जलस्तर 66.79 मीटर पर आ गया था। पानी में घटाव शुरू होने से तटवासियों ने राहत की सांस ली है।