Varanasi News: मोहल्ले वालों का बदला लेने के लिए चार साल के बच्चे की हत्या, शव कूड़े के ढेर में फेंका
पुलिस ने मैदान के आसपास घरों व दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया तो इस्माइल टाफी लेने जाते दिखाई दिया लेकिन वापस आते नहीं दिखा। विपरीत दिशा में लगे कैमरों को खंगाला तो क्षेत्र का युवक शाहिद बच्चे का हाथ पकड़े बुनकर मार्केट की ओर जाते दिखा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : लापता चार वर्ष के मासूम का शव रविवार को जैतपुरा थाना क्षेत्र के संजय नगर कालोनी में कूड़े में मिला। उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी में आरोपित बच्चे को साथ ले जाते नजर आ रहा है। बुनकरी का काम करने वाले दोषीपुरा निवासी जुनैद अंसारी का बेटा इस्माइल शनिवार की रात दोषीपुरा मैदान से लापता हो गया था। स्वजन ने इसकी सूचना रात में ही पुलिस को दी।
चौकाघाट चौकी प्रभारी सुफियान खान, सौरभ सिंह और मुकेश प्रजापति ने पूरी रात सभी तलाशते रहे लेकिन बच्चे का कहीं पता नहीं चला। अगले दिन पुलिस को उसकी लाश छवि महल सिनेमा हाल के पीछे थर्मोकोल के बाक्स में मिली। जैतपुरा थाना प्रभारी मथुरा राय ने टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच की तो बाक्स में प्लास्टिक के बोरे में लपेटे हुए मासूम इस्माइल की लाश थी।
कैमरे में जबरन ले जाता दिखा युवक
पुलिस ने मैदान के आसपास घरों व दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया तो इस्माइल टाफी लेने जाते दिखाई दिया लेकिन वापस आते नहीं दिखा। जिधर दुकान थी उधर के कैमरों को खंगालना शुरू किया। विपरीत दिशा में लगे कैमरों को खंगाला तो क्षेत्र का युवक शाहिद बच्चे इस्माइल का हाथ पकड़े जबरन बुनकर मार्केट की ओर जाते दिखाई दिया। बच्चों ने उसे पहचान लिया।
मोहल्ले का बदला बच्चे से लिया
हिरासत में लिए गए शाहिद ने पूछताछ में बताया कि क्षेत्र के लोग उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। उसके साथ मारपीट भी करते थे। इससे वह नाराज था और लोगों को सबक सिखाना चाहता था। इसलिए उसने बच्चे की हत्या कर दी।
जुनैद के बड़े भाई नावेद अंसारी ने बताया कि उसके दो बेटे और छोटे भाई के दो बेटे इस्माइल (चार वर्ष) व जियान (10 वर्ष) रोज की तरह रात साढ़े आठ बजे उसके साथ दोषीपुरा मैदान में खेलने गए थे। रात पौने दस बजे अन्य बच्चे घर लौटे लेकिन इस्माइल उनके साथ नहीं आया।
टाफी खरीदने गए थे बच्चे
नावेद के अनुसार मैदान में खेलने के दौरान उसके बेटे ने टाफी के लिए रुपये मांगे। उसने दस रुपये दिए और इस्माइल के लिए भी टाफी खरीदने को कहा। दोनों मैदान की दूसरी तरफ दुकान से टाफी खरीदने चले गए।