160 एकड़ जमीन के लिए वाराणसी नगर निगम को देनी होगी संशोधित दर, अविलंब करना होगा बकाया धनराशि का भुगतान
सिगरा स्थित मुख्यालय में गुरुवार को नगर निगम और रक्षा संपदा के अफसरों के बीच बैठक हुई। तय हुआ कि अब नगर निगम को 160 एकड़ जमीन के उपयोग के बदले में संशोधित दर देनी होगी। बकाया धनराशि का भुगतान भी अविलंब करना होगा।
वाराणसी, जेएनएन। सिगरा स्थित मुख्यालय में गुरुवार को नगर निगम और रक्षा संपदा के अफसरों के बीच बैठक हुई। तय हुआ कि अब नगर निगम को 160 एकड़ जमीन के उपयोग के बदले में संशोधित दर देनी होगी। बकाया धनराशि का भुगतान भी अविलंब करना होगा। रक्षा संपदा के अफसरों ने स्पष्ट कर दिया कि कैंट स्टेशन के सामने स्थित इस जमीन का मालिकाना हक तो रक्षा संपदा का ही रहेगा लेकिन केयरटेकर के तौर पर नगर निगम होगा।
विकास कार्य कराने के साथ ही वहां निर्माण आदि की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। वही गृहकर वसूलेगा। रक्षा संपदा 1657 रुपये छह आना सालाना दर (परजवट) को संशोधित करेगा। परजवट के बढऩे से रक्षा संपदा की आय में बढ़ोतरी होगी। नगर निगम ने 1992-93 से रक्षा संपदा विभाग इलाहाबाद परिक्षेत्र को परजवट नहीं दिया है। करीब 57 हजार परजवट बकाया है। नगर निगम ने इस भूमि पर बने भवनों से 2002 से टैक्स लेना भी बंद किया है। बीते साल सितंबर में इसको लेकर बैठक इलाहाबाद में हुई थी जहां नगर निगम के तहसीलदार और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम की ओर से पहुंचे थे। तय हुआ कि अतिक्रमण को हटाकर नगर निगम प्रबंधन करेगा। साथ ही बकाया परजवट जमा किया जाएगा। इसकी कार्यवृत्ति मार्च 2020 में नगर निगम में पहुंची।
...तो तोड़े जाएंगे अवैध निर्माण
बैठक में हुए निर्णय के मुताबिक रक्षा संपदा के 160 एकड़ जमीन पर हुए अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। इसके अलावा आवंटित दुकानों का भी सर्वे होगा क्योंकि नगर निगम प्रशासन तक सूचना पहुंची है कि कुछ ऐेसे आवंटी हैं जिनकी मौत हो चुकी है और उस पर कुछ लोग फर्जी कागजात बनाकर कब्जा किए हुए हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर बेदखल किया जाएगा।
वर्ष 2002 से अब तक जोड़कर होगी गृहकर वसूली
160 एकड़ क्षेत्र में मकानों का गृहकर भी नगर निगम लेगा। वर्ष 2002 से अब तक जोड़कर गृहकर वसूला जाएगा। अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा ने बताया कि इस इलाके में गृहकर वसूली के बाद राजस्व में इजाफा होगा। रक्षा संपदा की बकाया राशि को अविलंब निर्गत कर दिया जाएगा।