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विद्यार्थियों की चहलकदमी से वाराणसी आइटीआइ की लौटी रौनक, पहले दिन 46.33 फीसद उपस्थिति

सोमवार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) भी खोल दिए गए हैं। करीब छह माह के ब्रेक के बाद विद्यार्थियों ने प्रयोगात्मक कार्य शुरू कर दिया। विद्यार्थियों की चहलकदमी में राजकीय औद्योगिक संस्थान (कौरोंदी व चौकाघाट) वाराणसी में पूरे दिन रौनक रही।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 11:16 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 11:16 PM (IST)
विद्यार्थियों की चहलकदमी से वाराणसी आइटीआइ की लौटी रौनक, पहले दिन 46.33 फीसद उपस्थिति
करीब छह माह के ब्रेक के बाद औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में विद्यार्थियों ने प्रयोगात्मक कार्य शुरू कर दिया।

वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 के प्रकोप के अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रहीं हैं। अनलॉक-4 से लोगों को काफी राहत मिली है। वहीं विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में परीक्षाओं का दौर भी अब शुरू हो गया है। दूसरी ओर स्कूल-कालेज भी खोलने के लिए राज्य स्तर पर मंथन जारी है। वहीं सोमवार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) भी खोल दिए गए हैं। करीब छह माह के ब्रेक के बाद विद्यार्थियों ने प्रयोगात्मक कार्य शुरू कर दिया। विद्यार्थियों की चहलकदमी में राजकीय औद्योगिक संस्थान (कौरोंदी व चौकाघाट) में पूरे दिन रौनक रही।

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विद्यार्थी काफी खुश नजर आ रहे थे। हालांकि पहले दिन दोनों राजकीय व निजी आइटीआइ संस्थानों में करीब 50 फीसद ही विद्यार्थी बुलाए गए थे। प्राय: सभी आइटीआइ में कोरोना महामारी को देखते हुए एक दिन पहले ही सभी कमरों व उपकरणों को सैनिटाइजेशन करा लिया गया है। इसके अलावा गेट पर विद्यार्थियों को थर्मल स्कैनिंग करने के बाद प्रवेश दिया गया। गेट पर सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई थी। बहरहाल करौंदी आइटीआइ के विभिन्न ट्रेडों में पंजीकृत 695 विद्यार्थियों में से पहले दिन 522 विद्यार्थी ही पहुंचे थे। प्रधानाचार्य अरूण कुमार यादव ने बताया कि विद्यार्थियों की 46.33 फीसद उपस्थिति रही।

उधर चौकाघाट आइटीआइ के प्रधानाचार्य गिरिधर राय के मुताबिक पहले दिन  विद्यार्थियों की करीब 40 फीसद उपस्थिति रही। वहीं छात्रों का कहना था कि घर में बैठे ऊब चुके हैं और पढ़ाई में निरतंरता की बेहद जरूरत है। फटाफट कोर्स पूरा हो और कहीं बेहतर पैकेज पर चयन हो, क्योंकि वैक्सीन आने तक अब कोई विकल्प नहीं है

करियर की चिंता

छात्र मनीष कुमार ने कहा कि घर बैठे-बैठे काफी पढ़ाई हो गई, अब कैंपस खुलने से अध्ययन में और बेहतर प्रदर्शन होगा। वैसे भी कोरोना ने अब बहुत खौफ भर दिया है, मगर उससे ज्यादा ङ्क्षचता अब करियर की है।

छात्र प्रदुम यादव के अनुसार इतने दिनों तक घर रहकर हम अपनी सुरक्षा करना अब सीख गए हैं, इसलिए अब कोई दिक्कत नहीं होगी। मास्क नहीं हटाएंगे कभी, बाहर से आने के बाद सैनिटाइज करेंगे और दो गज की दूरी का भरसक ध्यान रखा जाएगा। छात्रा सुनीता पटेल ने कहा कि यहां से काम करने के बाद तो हमें फील्ड में ही उतरकर काम करना होगा, इसलिए उसकी तैयारी पहले से ही कर ली जाए। इस दशा में जोखिम प्रबंधन करने की कला भी विकसित होगी। वहीं इस दौरान वह बकायदा शारीरिक दूरी का पालन और मास्क लगा रहे हैं।


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