Varanasi Gyanvapi Case : मुस्लिम पक्ष ने 15 दिन का समय मांगते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया
Varanasi Gyanvapi Case वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव जी के आकस्मिक निधन के कारण मुस्लिम पक्ष ने 15 दिन का समय मांगते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी - श्रृंगार गौरी प्रकरण की सुनवाई गुरुवार को टल गई। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि तय की है। वादी पक्ष की ओर से दलीलें पेश की जा चुकी हैं। प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से जवाबी बहस की जानी थी। उससे पहले अदालत में इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से केस के मुख्य अधिवक्ता अभय नाथ यादव के निधन संबंधी सूचना देते हुए प्रार्थना पत्र दिया गया।
अदालत में बताया गया कि मुकदमे से संबंधित दस्तावेज भी उन्हें के चेंबर में होने के कारण जवाबी बहस की तैयारी नहीं की जा सकी है। ऐसे में मुकदमे की सुनवाई के लिए 15 दिन का समय दिया जाए। जिला जज की अदालत ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि 18 अगस्त तय कर दी। बता दें कि गत 31 जुलाई को अधिवक्ता अभय नाथ तिवारी का हृदयाघात से निधन हो गया था।
सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन व सौंपने सम्बंधी मांग को लेकर 18 अगस्त 2021 को वादी राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी व रेखा पाठक ने वाद दाखिल किया था। प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने प्रार्थनापत्र देकर वाद की ग्राह्यता पर सवाल उठाया।
अदालत ने प्रतिवादी की अर्जी को दरकिनार करते हुए वादी की मांग पर सुनवाई की। इसके बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब कर ली है। जिसके बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मुस्लिम पक्ष की विशेष अनुमति याचिका पर उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जिला जज की अदालत में सुनवाई चल रही है। 26 मई से शुरू सुनवाई में चार तिथि पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से मुकदमे को खारिज करने लिए बहस की गई।
इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने वादी दो से पांच की ओर से बहस की थी। पिछली तिथि पर वादी संख्या - एक राखी सिंह की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। प्रतिवादी की ओर से इन दलीलों का जवाब दाखिल करना है। चूंकि अभी तक इस केस में प्रतिवादी की ओर से मुख्य अधिवक्ता अभयनाथ यादव ही पूरा कार्य देख रहे थे। उनका निधन हो गया है। इसलिए अब मुस्लिम पक्ष एक नए अधिवक्ता की तलाश में भी जुट गया है।