Move to Jagran APP

वाराणसी की 'गोलू' ने टैम्पो चलाकर संभाल ली घर गृहस्थी की स्टेयरिंग

आजमगढ़- वाराणसी रोड पर पाडेयपुर से धरसौना बाजार के लिए आटो चला रही 24 वर्षीय लड़की प्रतिमा यादव उर्फ गोलू के रूप में देख सकते हैं।

By Edited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 08:13 AM (IST)
वाराणसी की 'गोलू' ने टैम्पो चलाकर संभाल ली घर गृहस्थी की स्टेयरिंग

वाराणसी [सोनू सिंह]। महानगरों या बड़े शहरों में तो महिलाओं ने आटो की स्टेयरिंग संभाल ली है मगर गांवों और छोटे कस्बों में अब भी आधी दुनिया के बीच इसे मर्दो का ही पेशा समझा जाता है। मगर इस दुनिया को आइना पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय सीट वाराणसी में गोलू ने चोलापुर जैसे कस्बे में दिखाई है। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की कहावत अगर जमीन पर आपको देखना हो तो आप आजमगढ़- वाराणसी रोड पर पाडेयपुर से धरसौना बाजार के लिए आटो चला रही 24 वर्षीय लड़की प्रतिमा यादव उर्फ गोलू के रूप में देख सकते हैं।

loksabha election banner

प्रतिमा यादव उर्फ गोलू चोलापुर क्षेत्र के गोसाईपुर (बाडा) मोहाव गाव की निवासी हैं। पिता रामकृत यादव खेती किसानी करते हैं तो मां केवला देवी घरेलू कामों में व्यस्त रहती हैं। पाच बहनों और एक भाई में चौथे नंबर पर गोलू हैं। गोलू से छोटा एक भाई है। बाकी की सभी चार बहनों की शादी हो चुकी है। मगर गोलू फिलहाल शादी नहीं करना चाहती है।

गोलू का कहना है -'शादी करने से तो मैं चूल्हे चौके में बंध जाऊंगी। बचपन से ही कई बहनों के बीच रही मगर मुझे भी लड़कों जैसा बनना था। मां बापू ही नहीं समाज भी लड़कों को पहले तरजीह देता है लिहाजा बचपन से लड़कों की बराबरी करने की जिद रही। अब ऐसे पेशे में हूं तो जैसा ड्रेस काम करने के दौरान सहूलियत देता है वैसा पहनती हूं। लोग देखते हैं तो चौंकते हैं, मगर मैं उनके हाव भाव से नहीं चौंकती। अब आदत हो गई है लोग लड़की को आटो चलाते नहीं कुबूल पाते, यह उनकी समस्या है।

' गोलू हाई स्कूल मुनारी स्थित स्कूल से 2015 में पास है। गाव के उदयलाल, हीरालाल, संजय पटेल, दीना यादव, घनश्याम शर्मा बताते हैं कि बचपन से ही गोलू लड़कों जैसा पहनना लड़कों जैसा रहना ही पसंद करती रही है। हाईस्कूल के बाद विक्त्रम टेंपो और मैजिक चलाने लगी। फिर उसने अपना खुद का टेम्पो खरीद लिया। जो पाडेयपुर से धरसौना तक चलाती है। हम लोगों को गर्व होता है कि हम लोगों के बीच की लड़की लड़कों से किसी मायने में कम नहीं। वहीं गोलू राह चलते किसी लड़की या किसी लाचार व्यक्ति पर अत्याचार करता दिख जाए तो जमकर लताड़ लगाती हैं, और तो और जरूरत पड़ने पर खुद पिटाई भी करती हैं।

किसी की क्या मजाल कि गोलू की तरफ कोई लड़का आंख उठाकर देखे। गाड़ियों में बाइक, बुलेट, टेंपो, मैजिक सहित कोई भी चार पहिया वाहन चला लेती हैं। अपनी कमाई को अपने ऊपर खर्च करने के साथ-साथ औरों की मदद में भी इस्तेमाल करती है। गोलू की एक खासियत यह भी है कि राह चलते कोई बुजुर्ग या गरीब दिख जाए तो गाड़ी में बैठा लेती हैं मर्जी है तो पैसे दो नहीं तो आशीर्वाद से भी काम चल जाएगा। मगर गोलू की ख्वाहिश पुलिस में सेवा देने की है जिसके लिए वह प्रयास भी कर रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.