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Summer Trip: भूल जाइये पहाड़-वादियां, गर्मी की छुट्टी में बनाएं बनारस का प्लान, दिल को छूने वालीं हैं ये जगहें

Summer Trip धार्मिक यात्रा और प्रकृति के नजदीक का रोमांच देखना है तो आइये बनारस।सांस्कृतिक-पौराणिक-ऐतिहासिक धरोहर संग मन-मिजाज और खानपान धर्म-अध्यात्म कला-संस्कृति योग-दर्शन चाहे जिस किसी के भी आप मुरीद हों यहां आपको सब मिलेगा। मन को मिलेगी ताजगी।

By Abhishek SaxenaEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sat, 10 Jun 2023 03:20 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 03:44 PM (IST)
Summer Trip: भूल जाइये पहाड़ और वादियां, गर्मी की छुट्टी में बनाइये बनारस का प्लान।

वनारस, डिजिटल टीम। गर्मियों की छुट्टी में पहाड़ पर मन को ठंडक का अहसान दो या चार दिन ही होगा। लेकिन बाबा विश्वनाथ की नगरी, धर्मनगरी काशी में छुट्टियों का आनंद आपके तन मन को तरोताजा कर देगा। पतित पावन मां गंगा की गोद में लिहारे मार रहा गंगाजल जब शरीर को स्पर्श करता है तो रोम रोम तरोताजा हो उठता है। शाम को गंगा घाटों की आरती दिल-दिमाग में ताजगी और मन को शांति पहुंचाती है तो काशी का खानपान भी कई दिनों तक भुला नहीं पाएंगे। थोड़े धार्मिक हैं और प्रकृति ट्रिप की इच्छा रखते हैं तो एकसाथ दोनों का आनंद यहां मिलेगा।

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सुबह-ए वनारस की अद्भुत छटा

बाबा विश्वनाथ को शीश नवाइए और इस शहर के गले में चंद्रहार की तरह लिपटी उत्तरवाहिनी गंगा के तट से सुबह-ए-बनारस की अद्भुत छटा निखर आइए। घाट पर खड़े-खड़े मन न भरे तो नाव या क्रूज पर बैठकर गंगा का मनमोहक नजारा देखिए। दूसरी पार रेती में निखरते जा रहे जुहू-चौपाटी पर मस्त-मलंग जीवन शैली का आनंद उठाइए। शहर को समझने के लिए यहां की गलियों में घूमिए और कचौड़ी-जलेबी,चाट-पकौड़ा समेत दक्षिण भारतीय पकवानों का स्वाद लीजिए।

बाबा का दर्शन

बाबा का दर्शन कर असि रोड पर महज कुछ किमी आगे बढ़ते दुर्गाकुंड मंदिर व आनंद बाग में संत भास्करानंद की समाधि के दर्शन हो जाएंगे। पास में ही संकटमोचन, त्रिदेव मंदिर और बीएचयू विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कर निहाल हो जाएंगे। सावन में आए तो दुर्गा मंदिर के पास ही रामचरित मानस व राधा-कृष्ण के जीवन प्रसंगों को सहेजे मानस मंदिर गजब अहसास दिलाएगा।

गंगा के घाटों की आरती से खुश हो जाएगा तन मन

घाट-गलियों में घूमते महज चार से पांच किलोमीटर के दायरे में समूचे भारत की संस्कृतियों का दर्शन हो जाएगा। यह सब इससे जुड़े मंदिरों में भी नजर आएगा। इस बीच सुबह अस्सी व डा. आरपी घाट पर और शाम को दशाश्वमेध घाट पर गंगा की दिव्य आरती का भव्य नजारा देखकर तन-मन में अध्यात्म गंगा का प्रवाह भर जाएगा।

लिट्टी चोखा की पार्टी

चौबेपुर के कैथी में गंगा-गोमती तट पर मार्कंडेय महादेव व रोहनिया में गंगा तट पर शूलटंकेश्वर महादेव को शीश नवाइए। मन में आए तो अहरा दगाइए व बाटी चोखा की पार्टी सजाइए।

सारनाथ

महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ से समझ सकते हैं। देश-दुनिया से वर्षपर्यंत आने वाले सैलानियों में सिर्फ 40 फीसद यहां ही आते हैं। खास यह कि बुद्धकालीन पुरातात्विक खंडहर और संग्रहालय, चौखंडी व धमेख स्तूप, करज्ञुर्द संप्रदाय के साथ ही जापान, तिब्बत, चीन व थाई के बौद्ध मंदिर घूमने में दिन निकल जाएगा। 


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