Varanasi City Weather Update : वाराणसी में तापमान 12 डिग्री तक गिरा, रात में दिखा ठंड का असर
मौसम का रुख बदला हुआ है पारा सामान्य से दस डिग्री से भी अधिक कम हो चुका है। आसमान में तीन चार दिनों से बादलों का ही कब्जा बना हुआ है। ऐसे में बादलों की सक्रियता के बीच वातावरण में ठंड का स्तर भी लगातार कम होता जा रहा था।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदला हुआ है, पारा सामान्य से दस डिग्री से भी अधिक कम हो चुका है। आसमान में तीन चार दिनों से बादलों का ही कब्जा बना हुआ है। ऐसे में बादलों की सक्रियता के बीच वातावरण में ठंड का स्तर भी लगातार कम होता जा रहा था। हालांकि, अब बादलों की विदायी और टाक्टे चक्रवात का असर शुक्रवार को खत्म हो रहा है इसकी वजह से बादलों की सक्रियता भी अब कम हो जाएगी। इसके बाद तापमान में आने वाले दो दिनों के बाद इजाफा होगा और बारिश का दौर भी खत्म होगा। तापमान में इजाफा होगा और बारिश की वजह से नम जमीन की वजह से आर्द्रता के स्तर में इजाफा दर्ज किया जाएगा। अब मानसून की आमद करीब 25 दिनों के बाद सोनभद्र के रास्ते उत्तर प्रदेश में होगी, जिसके 20 जून तक लखनऊ पहुंचने की उम्मीद है।
शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलों की आवाजाही का क्रम बना हुआ था। सुबह कुछ देर के लिए तेज धूप निकली लेकिन करीब ग्यारह बजे से बादलों के कारण धूप गायब हो गई और मौसम सुहाना हो गया। मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार ही सुबह पूर्वांचल के कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। बारिश का दौर आने के साथ ही सुबह दिन चढने पर आसमान में बादल भी कुछ कम हुए। हालांकि, ठंडी हवाओं के चलने का दौर बना रहा और आसमान से राहत मानो बरसती रही। सुबह नौ बजे के बाद तापमान में कुछ इजाफा जरूर हुआ मगर यह मामूली था। मौसम विज्ञानियों ने इस पूरे सप्ताह बादलों की आवाजाही का रुख बताया है। इसकी वजह से आने वाले दिनों में तापमान में इजाफा तो होगा और लोग आर्द्रता से पसीना पसीना भी होंगे लेकिन लू के हालात अब नहीं बनेंगे।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 12 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। इस दौरान बारिश 11 मिमी दर्ज की गई। जबकि आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 85 और न्यूनतम 73 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार पूर्वांचल और आसपास के इलाकों में बादलों की सक्रियता बनी हुई है। जबकि हवाओं का रुख पछुआ होने की वजह से आने वाले दिनों में भी बादलों की सक्रियता का दौर बना रहने की उम्मीद है। वाराणसी में रिकार्ड बारिश के बाद अब चक्रवात टाक्टे गुजर चुका है और बारिश का दौर भी थमने की ओर है।
खेती और भूगर्भ दोनों के लिए यह पानी वरदान
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बारिश के आसार एक दिन और उसके बाद दोबारा से तेज धूप और जलती गर्मी का मौसम वापस आएगा। उन्होंने बताया कि किसानों के लिए यह प्री-मानसून की तरह से है। हरी सब्जियाें की पैदावार बेहतर होगी।वहीं आगे की खेती के लिए भी पानी चाहिए, जबकि किसानों को प्राकृतिक रूप से पानी मिल गया। उन्होंने कहा कि यह बारिश धीरे-धीरे लगातार हो रही है, जिससे सारा पानी रिसकर भूगर्भ में जाएगा, जिससे ग्राउंड वाटर का लेवन भी ठीक हो जाएगा। अत: खेती और पेयजल दोनों के लिए यह पानी वरदान है।