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Varanasi City Weather Forecast : इस सप्ताह बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और बारिश की पूरी संभावना

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार तक इस सप्ताह में वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और बारिश की पूरी संभावना सप्ताह भर रहेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 12:53 PM (IST)
Varanasi City Weather Forecast : इस सप्ताह बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और बारिश की पूरी संभावना
Varanasi City Weather Forecast : इस सप्ताह बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और बारिश की पूरी संभावना

वाराणसी, जेएनएन। बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री कम रहा। वहीं बूंदाबांदी कई इलाकों में होने और धूप भी होने की वजह से उमस की स्थिति दिन भर बनी रहने की पूरी उम्मीद है। हालांकि बूंदाबांदी के बीच तापमान में कमी भी होने की संभावना है जैसा कि शनिवार को भी रहा। इस दौरान आर्द्रता अधिकतम 92 और न्यूनतम 70 फीसद दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार तक इस सप्ताह में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और बारिश की पूरी संभावना सप्ताह भर रहेगी। धूप होने की स्थिति में उमस से लोग पसीने पसीने भी होते रहेंगे। मगर अगले पखवारे से तापमान में कमी आनी शुरू होगी जो मध्य अगस्त तक धीरे धीरे जारी रहेगी। इसके बाद तापक्रम कम होते ही अक्टूबर के पहले सप्ताह से सर्दियों का भी आगमन पूर्वांचल में हो जाएगा।

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कृषि विज्ञनियों के अनुसार इस बार बारिश समय से हो रही है। मानसून समय से पहले आया है इसलिए धान सहित खरीफ की सिंचाई की तभी जरूरत है जब बारिश न हो। शेष अन्य मौसमी फसलों को भी सिंचाई से अधिक मौसमी कीटों से बचाने की जरूरत है। मौसम अनुकूल होने से धान की खेती का बेहतर समय है। पहले पखवारे के बाद धान की बोआई पिछड़ जाएगी।

धान की फसल के लिए सबसे लाभप्रद है यह बरसात

पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश धान की रोपाई के लिए लाभप्रद है वहीं सब्जी की खेती के लिए नुकसान दायक है। जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने बताया कि इस बारिश से धान निहाल और सब्जी बेहाल हो जाएगा।

किसानों को सता रहा दलहन की बुआई का भय

खेतों की मिट्टी अधिक गीली होने के कारण किसानों को दलहन की फसल बोआई का भय सता रहा है। किसानों ने बताया कि खेतों में पानी लगने के कारण अरहर, मूंग, उड़द की बोआई नहीं हो पा रही है।

30 से 40 फीसद तक दलहन फसल की नहीं हो सकी बोआई

जिले के सभी ब्लॉकों के कृषिकर्मियों की मानें तो हर विकास खंड में 30 से 40 फीसद दलहन की बोआई नहीं हो सकी है। इसका एक कारण राजकीय बीज भंडार पर दलहनी फसलों के बीजों का देर से पहुंचना भी है। किसानों को समय से बीज उपलब्ध न कराने से भी दलहन की फसल प्रभावित हो रही है।

सब्जी की खेती करने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित

किसानों ने बताया कि यह बारिश सबसे ज्यादा सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। यदि बारिश की स्थिति यही रही तो सब्जी का उत्पादन न्यूनतम हो जाएगा और सब्जियां महंगी हो जाएंगी। सबसे ज्यादा नुकसान लता वाली सब्जियां नेनुआ, तरोई, लौकी, कोहड़ा, परवल, करैला को होगा। जो खेतों में पानी लगने से खराब हो सकती हैैं।


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