Move to Jagran APP

आषाढ़ पूर्णिमा की रात चंद्रमा को लगे ग्रहण से पथरीले घाटों ने महसूसी चंद्रमा की पीड़ा

ग्रहण तो मंगलवार की रात 1.31 बजे लगा लेकिन नौ घंटे पहले सूतक लगते ही शाम को सनातन धर्मियों ने घाटों पर डेरा डाला। आसनी-चादर बिछाया और स्थान संभाला।

By Edited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 02:00 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 09:56 AM (IST)
आषाढ़ पूर्णिमा की रात चंद्रमा को लगे ग्रहण से पथरीले घाटों ने महसूसी चंद्रमा की पीड़ा
आषाढ़ पूर्णिमा की रात चंद्रमा को लगे ग्रहण से पथरीले घाटों ने महसूसी चंद्रमा की पीड़ा

वाराणसी, जेएनएन। आषाढ़ पूर्णिमा की रात चंद्रमा को लगे ग्रहण की पीड़ा गंगा से लेकर पथरीले घाटों तक ने भी महसूसी। ग्रहण तो मंगलवार की रात 1.31 बजे लगा लेकिन नौ घंटे पहले सूतक लगते ही शाम को सनातन धर्मियों ने घाटों पर डेरा डाला। आसनी-चादर बिछाया और स्थान संभाला। ग्रहण की पीड़ा से चंद्रमा को मुक्ति की कामना से कंठी-माला फेरते जप-तप किया या मन ही मन श्रीहरि का स्मरण किया।

loksabha election banner

रात में ग्रहण स्पर्श होने के साथ श्रद्धालु गंगधार में कमर भर उतरे, मध्य बेला रात तीन बजे डुबकी लगाई और बुधवार की भोर 4.30 बजे मोक्ष पर स्नान किया। नौ घंटे सूतक और 2.59 घंटे ग्रहण अवधि को जोड़ते हुए करीब 12 घंटे चंद्रमा को पीड़ा से मुक्ति के अनुष्ठान में बिताए। चंद्रमा की श्वेत आभा बिखरने के साथ स्नान-दान के साथ बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ, श्रीहरि समेत विभिन्न मंदिरों में आराध्य देवों का दर्शन-पूजन कुछ इस अंदाज में किया जैसे 'चंदा मामा' को ग्रहण से मुक्त कराने के लिए आभार जता लिया।

वास्तव में घाट की सीढि़यों और गंगधार से चंद्र उद्धार के अनुष्ठान में जुटे लोगों के लिए यह हर बार का क्रम था लेकिन कई ऐसे थे पहली बार आए और मंगलवार सुबह आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान किया। गुरु दरबार में दर्शन किया। चंद्र ग्रहण पर उनकी मुक्ति के अनुष्ठान में शामिल हुए और सावन के पहले दिन स्नान कर बाबा का दर्शन भी कर लिया। इस दौरान बाबा दरबार में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम किए गए थे। बाबा के दर्शन के लिए रात मंदिर बंद होने तक भक्तों का जमावड़ा लगा रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.