Move to Jagran APP

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को आइएसओ का मिला तमगा, जानिए कैसे हुआ कायाकल्‍प Varanasi news

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एक और तमगा हासिल हुआ है। जी हां स्‍मार्ट सिटी की राह पर चल रहे वाराणसी शहर की रेल व्‍यवस्‍था में एक और सितारा जड़ गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 07:20 PM (IST)
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को आइएसओ का मिला तमगा, जानिए कैसे हुआ कायाकल्‍प Varanasi news
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को आइएसओ का मिला तमगा, जानिए कैसे हुआ कायाकल्‍प Varanasi news

वाराणसी [राकेश श्रीवास्‍तव]। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एक और तमगा हासिल हुआ है। जी हां, स्‍मार्ट सिटी की राह पर चल रहे वाराणसी शहर की रेल व्‍यवस्‍था में एक और सितारा जड़ गया है। वाराणसी स्थित कैंट रेलवे स्टेशन को इस बार आइएसओ का तमगा मिला है। यह प्रमाणपत्र पर्यावरण संरक्षण के लिए यहां हो रहे विशिष्‍ट प्रयासों के लिए दिया गया है। आइएसओ प्रमाणन की नई उपलब्धि मिलने से कैंट रेलवे स्टेशन प्रशासन अब खुशियां मना रहा है। इसे वाराणसी का यह प्रमुख रेलवे स्‍टेशन देश के चुनिंदा और बड़े रेलवे स्‍टेशनों में शामिल हो गया है जहां पर्यावरण की भी सेहत का ख्‍याल रखा जा रहा है। 

loksabha election banner

 

क्या हैं आइएसओ प्रमाण 

आइएसओ (इंटरनेशनल स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन) 14001:2015 पर्यावरण संरक्षण, यात्री सुविधा इत्यादि के लिए दिया जाता है। मानकों को पूरा करने के लिए कैंट रेलवे स्टेशन प्रशासन जमीनी स्तर पर प्रयास कर रहा था। अब प्रमाणन मिलने के बाद कैंट रेलवे स्‍टेशन को अन्‍य मानकों के लिए भी प्राथमिकता मिलनी तय हो गई है। इससे यह स्‍टेशन देश के शीर्ष रेलवे स्‍टेशनों में भी शामिल हो गया है जहां पर पर्यावरण संरक्षण के लिए अतिरिक्‍त प्रयास हो रहा है। 

क्यों मिली सफलता 

कैंट रेलवे स्टेशन प्रशासन अपने उपयोग की कुल बिजली का 18 फीसद सौर ऊर्जा से पैदा कर खपत करता है। इसके अलावा यहां धुलाई और नाले के गंदे पानी को री-साइकिल कर उसे दूसरी जरूरतों में खर्च करता है। कूड़े के निस्तारण, सफाई भी आइएसओ के मानकों को पूरा करने वाले साबित हुए। इसकी वजह से कूडा प्रबंधन के साथ ही जल प्रबंधन में भी परिसर नई नजीर सामने रख रहा है। अब वाराणसी कैंट रेलवे स्‍टेशन के प्रयासों से दूसरे भी प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण के लिए नई पहल करेंगे।

बोले अधिकारी

- 16 अगस्त 2022 तक के लिए यह प्रमाणपत्र मिला है। हम व्यवस्थाओं को और बेहतर करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। एक-एक कर्मचारी, अधिकारी ने उपलब्धि दिलाने में सहयोग किया है। -रवि चतुर्वेदी, अपर मंडल रेल प्रबंधक।

- कैंट रेलवे स्‍टेशन पर नागरिक सुविधाओं के विस्‍तार के साथ ही विश्‍व स्‍तर की सेवाओं के लिए भी प्रशासन प्रयासरत है मगर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को और भी आगे ले जाया जाएगा ताकि यह दूसरों के लिए भी नजीर साबित हो। -आनंद मोहन, स्‍टेशन निदेशक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.