ट्रांसपोर्टरों को उत्तर प्रदेश सरकार दे विशेष पैकेज, बनारस टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
बनारस टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन का तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने सर्किट हाउस पहुंचा लेकिन उन्हें प्रवेश गेट पर रोक दिया गया। गेट पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी नगर गुलाब चंद ने मांग पत्र लेने के साथ शासन से उनकी मांगों को अवगत कराने का भरोसा दिलाया।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन का तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने मंगलवार को सर्किट हाउस पहुंचा लेकिन उन्हें प्रवेश गेट पर रोक दिया गया। गेट पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी नगर गुलाब चंद ने मांग पत्र लेने के साथ शासन से उनकी मांगों को अवगत कराने का भरोसा दिलाया। प्रवेश गेट पर रोकने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। ट्रांसपोर्टरों का कहना था कि कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन उद्योग पूरी तरह से बैठ चुका है। पर्यटन उद्योग से जुड़े छोटे-बड़े सभी व्यापारी परेशान हैं, ऐसे में इन सभी को प्रदेश सरकार अलग से पैकेज दे जिससे आर्थिक संकट से उबर सके।
बनारस टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के महामंत्री प्रकाश जायसवाल, संरक्षक प्रभाकर पांडेय और प्रवक्ता शशि प्रताप ि सिंह ने 11 सूत्री मांग पत्र एडीएम सिटी को सौंपा। कहा कि कोरोना संक्रमण में पर्यटन उद्योग की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। हर वर्ग के लोग परेशान हैं। कुछ लाेग मजबूरीवश दूसरा रोजगार करने लगे हैं लेकिन सभी ऐसा नहीं कर सकते हैं। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि मार्च-2020 से दिसंबर-2021 तक टूरिस्ट वाहनों के सभी टैक्स माफ किया जाए। वाहनों का फिटनेस, परमिट बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीकरण परिवहन कार्यालय में बिना शुल्क किया जाए। लोन पर लिए वाहनों का बैंक में दिसंबर-2021 तक किस्त माफ हो, नेशनल परमिट पूर्व की भांति जिलेवार, बसों की निर्धारित समयसीमा (उम्र) पांच वर्ष और बढ़ाई जाए तथा प्राइवेट बसों को रोडवेज बस स्टैंड से परमिट दिया जाए जिससे सभी को एक सामान यात्री मिले। क्योंकि दो वर्ष तक पर्यटन उद्योग मंदा रहेगा।
वाहन परमिट के आवेदन पर एक माह का अग्रिम टैक्स जमा करने का आदेश तत्काल निरस्त हो, बसों की समर्पण अवधि पूर्व की भांति अनिश्चित काल तक किया जाए, शासन प्राइवेट बसों को अधिकृत करके संचालन कराता है तो उसका किराया निर्धारित रोडवेज बसों के बराबर दिया जाए। उन्होंने आनलाइन चालन पर तत्काल रोक लगाने के साथ बस मालिकों को 20 लाख रुपये मदद बिना ब्याज के पांच वर्ष तक दिया जाए तथा चालक व क्लीनर को 10 हजार रुपये माहवार सहायता राशि दी जाए।