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दरगाह फातमान स्थित बिस्मिल्‍लाह खान की कब्र पर लोगों ने किया खेराज-ए-अकीदत पेश

जिस अजीम फनकार ने देश-दुनिया को शहनाई के जादू से परिचित कराया उसी को उसके अपने शहर ने बेगाना बना दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 01:52 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 05:35 PM (IST)
दरगाह फातमान स्थित बिस्मिल्‍लाह खान की कब्र पर लोगों ने किया खेराज-ए-अकीदत पेश
दरगाह फातमान स्थित बिस्मिल्‍लाह खान की कब्र पर लोगों ने किया खेराज-ए-अकीदत पेश

वाराणसी, जेएनएन। जिस अजीम फनकार ने देश-दुनिया को शहनाई के जादू से परिचित कराया, उसी को उसके अपने शहर ने बेगाना बना दिया है। जी हां, बात हो रही है शहनाई के बादशाह भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की। बुधवार को उनकी 13वीं पुण्यतिथि थी। दरगाह फातमान स्थित उनकी कब्र पर खेराज-ए-अकीदत पेश करने जहां परिजनों के अलावा चंद चाहने वाले पहुंचे थे, वहीं शासन-प्रशासन के प्रतिनिधियों ने भी हाजिरी लगाई। अपने जीवन में उस्ताद कभी मां गंगा को अपने सुरों से झंकृत कर उसकी मौजों में रवानी भरते तो कभी बाबा विश्वनाथ को स्वरलहरियां अर्पित करते।

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देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में भारतीय संस्कृति और कला का परचम ऊंचा करने वाले उस्ताद के शहनाई की धुन आज अपने ही शहर में कहीं गुम सी हो गई है। उनकी पुण्यतिथि पर न कोई सरकारी कार्यक्रम हुआ न किसी संस्था ने कोई बड़ा आयोजन किया। हालांकि दीपिका कल्चरल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने पूर्व संध्या पर शहनाई दंगल आयोजित कर धुनों में उस्ताद को मुस्कुराने का अवसर जरूर दिया। प्रशासनिक प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह ने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां एक अजीम फनकार होने के साथ ही अच्छे इंसान भी थे।

भारत वर्ष एवं भारतीय संस्कृति को उन्होंने पूरे विश्व में अपनी शहनाई के माध्यम से सम्मान दिलाया। वहीं एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने शहनाई के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय संगीत की अतुलनीय सेवा की है। यही वजह है कि आज भी वो काशीवासियों के दिलों पर राज कर रहे हैं। इस अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद सहित अब्बास मुर्तजा शम्सी, शकील अहमद जादूगर, सैयद फरमान हैदर, अब्बास रिजवी शफक, फिरोज हुसैन, आफाक हैदर, फतेह अली खां, आशुतोष ओझा, हादी हसन, उस्ताद नाजिम हुसैन आदि थे।

मारा गया है तीर से बच्चा रबाब का.. - दोपहर में उस्ताद के परिवार की महिलाओं ने दरगाह फातमान स्थित मकबरे पर नौहाख्वानी व मातम किया। उस्ताद की बड़ी बेटी जरीना बेगम, अजरा बेगम, मिनहाज फातमा, कहकशां फातमा आदि ने नौहाख्वानी में उस्ताद का पसंदीदा नौहा 'मारा गया है तीर से बच्चा रबाब का..' 'परदेश में बहन को छोड़कर, भैया हुसैन जाते हो क्यों मुंह को मोड़कर..' आदि पढ़ा।

शहनाई एकेडमी के लिए सरकार करेगी मदद : उस्ताद को खेराजे अकीदत पेश करने पहुंचे भाजपा अल्पसंख्यक के प्रदेश अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद ने शहनाई एकेडमी पर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उस्ताद के इंतकाल पर बहुत से वादे किए गए थे, जिनमें सबसे अहम था उनके शहर बनारस में शहनाई एकेडमी स्थापित करना। हालांकि पूर्व की सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। परिवार की ओर से ज्ञापन मिलने पर शहनाई एकेडमी की मांग को केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार के समक्ष उचित प्लेटफार्म पर रखा जाएगा।


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