पौराणिक महत्व की नदी तमसा को अविरल-निर्मल बनाने के लिए जेसीबी पहुंची नदी के बीच
लगभग 56 किलोमीटर के दायरे में पौराणिक तमसा नदी को साफ करने और उसके प्रवाह को बरकरार रखने के लिए प्रशासन के सहयोग से अभियान मंगलवार को भी जारी रहा।
मऊ, जेएनएन। लगभग 56 किलोमीटर के दायरे में पौराणिक तमसा नदी को साफ करने और उसके प्रवाह को बरकरार रखने के लिए प्रशासन के सहयोग से अभियान मंगलवार को भी जारी रहा। एनजीटी की टीम के दौरे के बाद प्राचीन और आध्यातिमक महत्व की नदी तमसा को प्रदूषण से मुक्त रखने के साथ ही इसकी गति को अविरलता प्रदान करने के लिए प्रशासन ने अब कमर कसी है।
रविवार से निर्मल अविरल तमसा का अभियान गति पकड़ चुका है। इसी कड़ी में अब नदी के पेटा से गाद और मिटटी के साथ ही कचरे को हटानेे के लिए जेसीबी को नदी में उतार दिया गया। मंगलवार की सुबह मुहम्मदाबाद गोहना सहित कई इलाकों में प्रशासन के लोग और सामाजिक संस्थाआें से जुडे़ लोग नदी में उतरे और गंदगी को निकालकर बाहर रखा। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी निगरानी करने के लिए मौजूद रहे।
जिला प्रशासन, नगर पालिका, नगर पंचायतों, ग्राम पंचायतों के साथ ही श्री गंगा-तमसा सेवा मिशन, एनएसएस, भारत स्काउट गाइड, इनरव्हील क्लब, श्री अमरनाथ सेवा समिति के साथ ही अनेक सामाजिक संगठन व स्वयंसेवी इस महाभियान में तीसरे दिन भी लगे। पूरी लंबाई में नदी की सफाई का अभियान चला। अनेक स्थानों पर जेसीबी की सहायता से प्रवाह में अवरोध बने मलबे को हटाया जा रहा है तो नगर के गायघाट पर पोकलैंड लगाकर शेरशाह सेरी के जमाने के ध्वस्त पुल के मलबे को हटाकर प्रवाह का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।
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