यूपी के मुख्य सचिव ने काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट एप किया लांच, धाम में सुगमता से होगा दर्शन-पूजन
एप पर बाबा की आरती व दर्शन के लिए बुकिंग करने की सुविधा भी शुरू की जाएगी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भीड़ प्रबंधन के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाएगा। एप से जुड़े हुए श्रद्धालुओं को हर घंटे एनाउंसमेंट के दौरान भीड़ की सही स्थिति की जानकारी दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में सुगम दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं को सहूलियत प्रदान की गई है। इसके लिए शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट एप लांच किया गया। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल में डाउनलोड कर श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कराने के बाद यह पता कर सकेंगे कि दर्शन के लिए उनका नंबर कब आएगा। इससे श्रद्धालुओं को कतार में नहीं लगना होगा। यह भी पता लग जाएगा कि मंदिर में भीड़ की क्या स्थिति है। कौन से रास्ते हैं, जिनसे सुगमता से मंदिर में जाया जा सकता है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि बाबा दरबार में श्रद्धालुओं के बढ़ते जुलूस को नियंत्रित करने के साथ ही व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए एप लांच किया गया है।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के बाद देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आ रहे हैं। श्रद्धालुओं की संख्या रोजाना बढ़ती ही जा रही है। इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट एप लांच करने का निर्णय लिया गया। फिलहाल इसका ट्रायल कर इसकी कार्य प्रणाली को देखा जाएगा। महाशिवरात्रि पर इसी की मदद से भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा प्रबंधन का प्रयास किया जाएगा। आगे इस एप में बाबा दरबार का जीवंत दर्शन-पूजन व आरती देखने की भी व्यवस्था बनाई जाएगी।
ऐसे में देश की सभी भाषा भी उपलब्ध कराई जा सकेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि इस एप पर बाबा की आरती व दर्शन के लिए बुकिंग करने की सुविधा भी शुरू की जाएगी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भीड़ प्रबंधन के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाएगा। एप से जुड़े हुए श्रद्धालुओं को हर घंटे एनाउंसमेंट के जरिए दर्शन के दौरान भीड़ की सही स्थिति की जानकारी दी जाएगी। इसके जरिए कतार में लगे श्रद्धालुओं को पता लगता रहेगा कि उनका नंबर कितनी देर में आएगा। इसके जरिए भीड़ के दबाव का अध्ययन किया जा सकेगा। इसके अनुसार सुचारू यातायात आदि की व्यवस्था बनाई जाएगी। एप की लांचिंग के दौरान डीजीपी मुकुल गोयल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश आदि मौजूद थे।