यूपी बोर्ड : डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त अंकपत्रों से ही चलाना होगा काम, प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को फिलहाल बोर्ड सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर वाले अंकपत्र-प्रमाण पत्र से काम चलाना होगा।
वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को फिलहाल बोर्ड सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर वाले अंकपत्र-प्रमाण पत्र से काम चलाना होगा। बोर्ड ने परीक्षार्थियों का अंकपत्र व प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। ऐसे में विद्यालयों के प्रधानाचार्य वेबसाइट से डाउनलोड कर अपना हस्ताक्षर व मोहर लगाकर परीक्षार्थियों को दे सकते हैं। कई विद्यालयों ने ऑनलाइन प्रमाणपत्रों का वितरण भी किया जा रहा है। मूल अंकपत्र व प्रमाणपत्र 15 जुलाई के बाद आने की संभावना है।
जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीपी सिंह ने बताया कि यदि किसी परीक्षार्थी को दाखिले या अन्य किसी कारण से अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों की आवश्यकता है तो वह वेबसाइट से डाउनलोड अंकपत्रों पर संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्य से हस्ताक्षर करा कर प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानाचार्य के हस्ताक्षरयुक्त ऑनलाइन प्रमाणपत्र पूरी मान्य है। बोर्ड में परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त अंकपत्र व प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड किया है। प्रमाण पत्रों को अब डिजिटल प्रारूप यानी डीजी लॉकर में भी लोग रखेंगे। काेरोना संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से यह सतर्कता भी बहुत ही आवाश्यक माना जा रहा है।
40,000 अभ्यर्थियों के लिए बनेंगे 80 केंद्र
राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (बीएड) 29 जुलाई को होगी। जनपद में 40,000 अभ्यर्थियों के लिए 80 केंद्र बनाने का प्रस्ताव है। परीक्षा आयोजक संस्था लखनऊ विश्वविद्यालय ने नोडल केंद्र महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को राजकीय व अशासकीय महाविद्यालयों को ही केंद्र बनाने का निर्देश दिया है।
विद्यापीठ नोडल केंद्र के नोडल अधिकारी व कुलसचिव डा. एसएल मौर्य बताया कि परीक्षा आयोजक संस्था ने 500 अभ्यथथियों पर एक केंद्र बनाने का सुझाव दिया है। ऐसे में जनपद में कम से कम 80 केंद्र बनाए होंगे। वहीं विश्वविद्यालय से जनपद में चार राजकीय व आठ अनुदानित कालेज ही संबद्ध है। इसकी सूचना लखनऊ विश्वविद्यालय को भेजी जा रही है ताकि यूपी बोर्ड के संचालित राजकीय व अशासकीय विद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र बनाया जा सके।