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UP Board: वाराणसी में एक अंकपत्र पर दो प्रधानाचार्यों के हस्ताक्षर, खामियाजा भुगत रहे विद्यार्थी

अटल विहारी वाजपेयी इंटर कालेज (सरवनपुर-कोरौत) में प्रबंधक व प्रधानाचार्य के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:48 AM (IST)
UP Board: वाराणसी में एक अंकपत्र पर दो प्रधानाचार्यों के हस्ताक्षर, खामियाजा भुगत रहे विद्यार्थी

वाराणसी, जेएनएन। अटल विहारी वाजपेयी इंटर कालेज (सरवनपुर-कोरौत) में प्रबंधक व प्रधानाचार्य के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। हालत यह है कि इंटरमीडिएट के अंकपत्रों पर दो-दो प्रधानाचार्यों ने हस्ताक्षर कर दिया है। इसमें एक प्रबंधक द्वारा नियुक्त प्रधानाचार्य तो दूसरे निलंबित प्रधानाचार्य शामिल हैं। एक ही अंकपत्र पर दो-दो प्रधानाचार्यों के हस्ताक्षर को लेकर छात्रों व उनके अभिभावकों में रोष है। छात्रों के अभिभावक अंकपत्रों की वैधता को लेकर ङ्क्षचतित हैं। वहीं डीआइओएस का कहना है कि अंकपत्रों में दो-दो हस्ताक्षर होने से अंकपत्र अमान्य नहीं होंगे। अंकपत्र उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी है। वे पूरी तरह से मान्य हैं।

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दरअसल वित्तविहीन विद्यालय होने के कारण अटल विहारी वाजपेयी इंटर कालेज पर प्रबंधक का पूरी तरह से नियंत्रण बना हुआ है। प्रबंधक प्रधानाचार्य सुमन कुमार पांडेय को तीन-तीन बार निलंबित कर चुके हैं। प्रबंधक शशि पांडेय हाल में सुमन पांडेय को निलंबित कर अपने पुत्र प्रभात कुमार पांडेय को प्रधानाचार्य का चार्ज सौंप दिया। वहीं इसका अनुमोदन व सूचना डीआइओएस कार्यालय को भी नहीं दी। ऐसे में डीआइओएस कार्यालय ने इंटर के परीक्षार्थियों का अंकपत्र व प्रमाणपत्र सुमन पांडेय को सौंप दिया। बतौर प्रधानाचार्य उन्होंने अंकपत्र पर हस्ताक्षर कर दिया। इसके बाद नवनियुक्त प्रधानाचार्य प्रभात कुमार पांडेय ने भी अंकपत्रों पर हस्ताक्षर कर दिया। वहीं अंकपत्रों पर दो-दो हस्ताक्षर देख छात्र परेशान हैं। डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने बताया कि मनमाने तरीके से प्रधानाचार्य की नियुक्ति को लेकर प्रबंधक को नोटिस दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अशासकीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य व शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए जो नियम लागू हैं, वही नियम वित्तविहीन विद्यालयों के लिए भी प्रभावी हैं। प्रबंधक से उन्होंने प्रधानाचार्य सुमन कुमार पांडेय को निलंबित करने का कारण व प्रभात कुमार पांडेय की नियुक्ति का अनुमोदन क्यों नहीं लिया। इस संबंध में भी 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।


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