यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : देश की सुरक्षा में तैनात गाजीपुर के करीब 20 हजार सैनिक मतदाता डालेंगे वोट
चुनाव में सैनिकों के नाम से मशहूर इस जनपद के करीब 20 हजार सेना के जवान भी लोकतंत्र के इस पर्व में अपना अमूल्य योगदान देंगे। ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन पोस्टर बैलेट सिस्टम) के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय उन्हें अानलाइन बैलेट जारी करेगा। इसके बाद वह सरहद से ही वोट डालेंगे।
गाजीपुर, शिवानंद राय। यूपी में शुरू सियासी महापर्व में हर एक वोट की हमारे लोकतंत्र की मजबूती के लिए अहमियत है। आयोग से लेकर सियासी दल अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रयासरत होंगे। वहीं इस बार के चुनाव में सैनिकों के नाम से मशहूर इस जनपद के करीब 20 हजार सेना के जवान भी लोकतंत्र के इस पर्व में अपना अमूल्य योगदान देंगे। ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन पोस्टर बैलेट सिस्टम) के माध्यम से निर्वाचन कार्यालय उन्हें अानलाइन बैलेट जारी करेगा। इसके बाद वह सरहद से ही वोट डालेंगे।
एशिया के सबसे बडे़ गांवों में शुमार करीब 50 हजार की आबादी वाले गहमर के तकरीबन हर घर से लोग सेना में तैनात हैं। एक अनुमान के मुताबिक अकेले गहमर गांव से सेना में दस हजार से अधिक सैनिक हैं। करीब इससे अधिक सेवानिवृत सैनिक इस गांव के हैं। इसके अलावा समीपवर्ती बारा, कुत्तुबपुर, मगरखाई, बघऊटा, भटौरा, सायर, रायसेनपुर, पचौरी, हथौरी, खुदरा, मनिया, बरेजी, लहगा, केशवपुर, सेवराई, बसुका,
सहित जिले के अन्य गांवों के भी लोग सेना में हैं। निर्वाचन अायोग से सैनिकों के वोट डालने की भी व्यवस्था हर चुनाव में की जाती है, ताकि वह अपना वोट डाल सकें। पहले बैलेट पेपर डाक से भेजा जाता था, लेकिन अब आनलाइन बैलेट भेजने की सुविधा है। निर्वाचन कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक, सातों विधानसभा क्षेत्रों में दिसंबर 2021 तक सैनिक मतदाता कुल 19735 रहे। इसके अलावा 132 मतदाताअों ने फार्म- भरा, जिसके बाद यह संख्या 19867 हो गई है।
विधानसभावार सर्विस वोटर दिसंबर 2021 तक
विधानसभा क्षेत्र सैनिक मतदाता
जखनियां (373) 2030
सैदपुर (374) 2016
गाजीपुर (375) 2412
जंगीपुर (376) 3206
जहूराबाद (377) 2037
मुहम्मदाबाद (378) 3969
जमानियां (379) 4065
पहले डाक से बैलेट सैनिक के तैनाती स्थल पर निर्वाचन कार्यालय के माध्यम से भेजा जाता था। मैंने भी बैलेट पेपर के माध्यम से वोट डाला है। बैलेट पर सेना के अाफिसर काउंटर हस्ताक्षर अौर दो सैनिक वेरीफाई करते थे। वोट डालने के बाद बैलेट पेपर को निर्वाचन कार्यालय को डाक से भेजा दिया जाता था। बैलेट सुविधा होने से सैनिक भी वोटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि का चुनाव कर समाज व राष्ट्र हित में अपना योगदान देते हैं।
शिवानंद सिंह, सचिव भूतपूर्व सैनिक सेवा समिति गहमर