नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने रोजगारपरक पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाने में जुटा
नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने रोजगारपरक पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में गंगापुर व भैरव तालाब परिसर में मछली (मत्स्य) पालन का कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नई शिक्षा नीति के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने रोजगारपरक पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाने में जुटा हुआ है। इस क्रम में गंगापुर व भैरव तालाब परिसर में मछली (मत्स्य) पालन का कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए भैरव तालाब परिसर में दो तालाब भी बनवाएं जा रहे हैं। दोनों परिसरों की बाउंड्रीवाल जल्द से जल्द से बनवाने का भी निर्णय लिया गया है।
पंत प्रशासनिक भवन के डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में गुरुवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में यह जानकारी कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने दी। उन्होंने बताया कि अच्छी ग्रेडिंग के लिए नैक से दोबारा मूल्यांकन कराने की भी तैयारी की जा रही है। पिछली बार जो कमियां थी। उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में रिवर्स इंजीनियरिंग प्रोसेस अपनाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत रिसर्च, प्रोजेक्ट व फीडबैक पर अब अधिक फोकस दिया जा रहा है। गुणवत्तायुक्त शोध के लिए अध्यापकों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है। पत्रकारवार्ता में कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय व वित्त अधिकारी राधेश्याम भी उपस्थित थे।
ग्रीवांस सेल गठित
कुलपति ने बताया कि अब छात्रों को विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए एक पटल से दूसरे पटल नहीं दौडऩे होगा। इसके लिए ग्रीवांस सेल बना दिया गया है। इसके अलावा छात्रों संबंधी सभी सूचनाएं वेबसाइट पर भी अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों के सहूलियत के लिए वेबसाइट पर हेल्पलाइन नंबर पर दिया जाएगा।
अभिभावकों से भी फीड बैक
विद्यार्थियों के अभिभावकों से भी फीड बैक लेने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जल्द ही एक अलग से पोर्टल बनाया जाएगा। वहीं महिलाओं के लिए महिला अध्ययन केंद्र पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
कालेजों में डिस्प्ले बोर्ड
उन्होंने बताया कि संबद्ध सभी महाविद्यालयों को सूचनाओं का एक डिस्प्ले बोर्ड गेट के पास लगवाने का निर्देश दिया गया है ताकि छात्रों को आवश्यक सूचनाओं के लिए किसी से पूछना न पड़े।
कोविड प्रोटोकाल के संग परीक्षा
स्नातक व स्नातकोत्तर की 15 जुलाई से होने वाली परीक्षाओं की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। वाराणसी सहित पांच जिलों में 204385 परीक्षाॢथयों के लिए 159 केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा से पहले परिसर में कैंप लगावाकर वैक्सीनेशन करवाया जा रहा है। वही सभी केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है। बगैर मास्क के शिक्षक व परीक्षार्थियों को केंद्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।