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कारपोरेट व्यवस्था के तहत रेलवे अब फैक्ट्री से उठाएगी माल, व्यापारियों को नहीं करनी होगी भागदौड़

अभी तक ट्रेनों से पार्सल भेजने की व्यवस्था थी व्यापारी खुद अपना माल बुक कराते थे लेकिन रेलवे अपना व्यवसाय बढ़ाने को अब मार्केटिंग क्षेत्र में भी कूद गया है। छोटे व्यापारियों को राहत पैकेज देने के साथ अधिकारी उनसे सीधे संपर्क करेंगे।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 08:45 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 09:46 AM (IST)
कारपोरेट व्यवस्था के तहत रेलवे अब फैक्ट्री से उठाएगी माल।

चंदौली, [विवेक दुबे]। अभी तक ट्रेनों से पार्सल भेजने की व्यवस्था थी, व्यापारी खुद अपना माल बुक कराते थे लेकिन रेलवे अपना व्यवसाय बढ़ाने को अब मार्केटिंग क्षेत्र में भी कूद गया है। छोटे व्यापारियों को राहत पैकेज देने के साथ अधिकारी उनसे सीधे संपर्क करेंगे। कारपोरेट व्यवस्था के तहत रेलवे व्यापारियों की फैक्ट्री से माल उठाएगा। रेलवे का प्रयास है कि व्यापारियों को रेल मार्ग से जोड़ा जा सके। इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के बंद पड़े पांच शेडों का जीर्णोद्वार करवाया जाएगा। व्यापारियों को राहत मिलेगी और रेलवे के राजस्व में इजाफा होगा। वहीं व्यापारियों से भी सहमति ली जा रही है। डीआरएम राजेश कुमार पांडेय व एडीआरएम राकेश रोशन मिलकर इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे हुए हैं। कोरोना काल में हर लोगों को कुछ अलग करने का मौका मिला। रेलवे ने भी समय का फायदा उठाया और मार्केटिंग क्षेत्र में पांव जमाने लगा। वैश्विक महामारी के दौर में भी रेलवे ने मालगाडिय़ों का परिचालन जारी रहा। माल ढुलाई में रेलवे ने ट्रेनों का इस्तेमाल करना शुरू किया। छोटे से छोटे व्यापारियों को नई व्यवस्था से जोडऩे के लिए कई बदलाव हुए। मंडल में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कम माल की भी ढुलाई की जा रही है। व्यापारियों को राहत पहुंचाने के क्रम में मंडल रेल प्रबंधक ने नई योजना ही बना दी। कारपोरेट के तहत फैक्ट्री से माल उठाया जाएगा। व्यापारियों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।

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कामर्शियल विभाग की निगरानी में चलेगा काम

सीनियर डीसीएम रूपेश कुमार की निगरानी में शेडों का कार्य कराया जाएगा। इसके देखरेख की पूरी जिम्मेदारी कमर्शियल विभाग की होगी। पार्सल व गुड्स से होने वाले मुनाफे से रेलवे को गति मिलेगी। कोरोना काल में रेलवे को काफी नुक्सान उठाना पड़ा है। हालांकि कमर्शियल विभाग उस समय भी अपनी मेहनत व लगन से रेलवे को मुनाफा दिलाने में लगा हुआ था।

इन शेडों का होगा कायाकल्प

नई प्रक्रिया में कदम बढ़ाते हुए रेलवे ने बंद पड़े शेडों का कायाकल्प करने का निर्णय लिया है। मानपुर, सोननगर, कोशियारा, जपला स्माइलपुर में बंद शेडों को शुरू कराया जाएगा। मरम्मत के बाद शेड को एक एजेंसी को सौंप दिया जाएगा। शेड के आसपास बसे गांव के लगभग दो सौ लोगों को रोजगार भी मिलेगा। रेलवे छोटे-बड़े व्यापारियों को लेकर एक बड़े पैमाने पर काम करने जा रही है। लगभग दो हजार व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। उम्मीद है कि शेडों के कायाकल्प के बाद रेलवे का काफी राजस्व भी बढ़ेगा।

पार्सल ट्रेनों को मिल रही गति

पीडीडीयू मंडल से वर्तमान में लगभग एक दर्जन पार्सल ट्रेनें चल रही हैं। वहीं आवश्यकताओं को देखते हुए मालगाड़ी की रैक उपलब्ध कराई जा रही है। व्यापारियों की जितनी मांग होगी, उतना ही रैक बुक कर दिया जाएगा। इससे बड़े व्यापारियों के साथ ही छोटे व्यापारियों को भी लाभ मिल रहा है।

रेल परिवहन से जोडऩे के लिए व्यापारियों की सहमति भी ली जा रही है

मंडल के बंद पांच शेडों को चालू करने की कवायद की जा रही है। रेल परिवहन से जोडऩे के लिए व्यापारियों की सहमति भी ली जा रही है। जल्द ही यह पूरी व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। इस व्यवस्था से सबसे अधिक फायदा छोटे व्यापारियों का होगा।

- राजेश कुमार पांडेय, डीआरएम, पीडीडीयू मंडल


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