Ubhabha Village Massacre: सोनभद्र में उभ्भा गांव जाने के प्रयास में पूर्व मंत्री अजय राय गिरफ्तार
भदोही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू की गिरफ्तारी के बाद पूर्व मंत्री अजय राय को सोनभद्र पहुंचने से पहले ही मीरजापुर बार्डर पर गिरफ्तार कर लिया गया है।
मीरजापुर, जेएनएन। सोनभद्र के उम्भा में जमीन विवाद में हुए नरसंहार के एक वर्ष पूरे होने पर मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने जा रहे कांग्रेस महासचिव विश्व विजय सिंह, पूर्व मंत्री अजय राय व अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मीरजापुर जनपद के टोल प्लाजा फतेहपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। सभी चौराहों पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। जीटी रोड से होते हुए गोपीगंज, चील्ह, नरायनपुर, फत्तेपुर, मड़िहान की सड़कों पर कार्यकर्ताओं को पुलिस रोकती रही। इससे नाराज होकर पूर्व सांसद राजेश मिश्रा व पूर्व विधायक अजय राय कार्यकर्ताओं संग धरने पर बैठ गए हैं। चील्ह में भी जिला उपाध्यक्ष राजधर दुबे समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उम्भा जाने वाले रास्ते पर तैनात पुलिस बल किसी को भी आगे नहीं बढ़ने दे रही है। इससे पूर्व उम्भा में जमीन विवाद में हुए नरसंहार में मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह "लल्लू' सोनभद्र के लिए निकले तो उन्हें भदोही में गोपीगंज पुलिस ने रोक लिया गया।
यहां आने की सूचना मिलते ही चौकन्ना हो गया था प्रशासनिक अमला
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि उभ्भा नरसंंहार की पहली बरसी की पूर्व संध्या पर गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू उभ्भा गांव पहुंचकर पीडि़त परिवारों से मुलाकात करेंगे और श्रद्धांजलि देंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के यहां आने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमला चौकन्ना हो गया था। विदित हो कि भूमि विवाद को लेकर 17 जुलाई 2019 को 11 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा उभ्भा पहुंच कर पीडि़त परिवार से मुलाकात और आर्थिक मदद भी की थीं।
मृतकों की याद में स्मारक बनाने व शहीद का दर्जा दिलाने की मांग
दूसरी तरफ आदिवासी 17 जुलाई को बरसी मनाने की तैयारी में हैं। साथ ही मृतकों की याद में स्मारक बनाने व शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करने की बात कही जा रही है। हालांकि प्रशासन इसकी इजाजत देने को तैयार नहीं है। पुलिस की चिंता कई पहलुओं को लेकर है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान बरसी पर बाहर से कुछ राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की जुटान से घटना पर दोबारा राजनीति रंग चढ़ाया जा सकता है। पुलिस-प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। आला अधिकारियों ने 14 जुलाई को ग्रामीणों से किसी भी तरह के आयोजन न करने की अपील की है। साथ ही धारा-144 का भी हवाला दिया है। वहीं खुफिया तंत्र अलर्ट है और पल-पल की रिपोर्ट से अफसरों को अपडेट कर रहा है।