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चंदौली में धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड व एक्सरे मशीन, नहीं हुई टेक्नीशियन की नियुक्ति

Ultrasound and Xray machine - कोरोना संक्रमण ने जैसे ही दूसरी लहर में गावों की तरफ रुख किया ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पतालों में तैयारियों की हवा निकल गई। धानापुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल भी बदहाल है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 08:20 PM (IST)
चंदौली में धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड व एक्सरे मशीन, नहीं हुई टेक्नीशियन की नियुक्ति
दूसरी लहर में गावों की तरफ रुख किया ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पतालों में तैयारियों की हवा निकल गई।

चंदौली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण ने जैसे ही दूसरी लहर में गावों की तरफ रुख किया ग्रामीण इलाकों में स्थित अस्पतालों में तैयारियों की हवा निकल गई। धानापुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल भी बदहाल है। अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने का काम जोरों पर है, लेकिन अस्पताल में एक भी बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं की गई है। वहीं टेक्नीशियन की नियुक्ति न होने से एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड समेत अन्य जांच मशीनें धूल फांक रही हैं। अस्पताल में सफाई व्यवस्था भी बेपटरी है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा।

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अस्पताल में यदि कोई मरीज पहुंच जाए तो उसे गंदी चादर और गंदगी में ही इलाज करना होगा। अस्पताल का निर्माण लगभग 40 साल पहले हुआ था। क्षेत्र की दो लाख 22 हजार आबादी को राहत पहुंचाने के लिए अस्पताल बनाया गया है। जिले के आला अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी समय-समय पर अस्पताल का निरीक्षण करने आते हैं, लेकिन यहां की कमियां आज तक दूर नहीं हुईं। जांच की सुविधा न होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। उन्हें लगभग 30 किलोमीटर का सफर तय कर जिला मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय जाना पड़ता है अथवा निजी अस्पतालों की शरण लेनी होती है। कोरोना काल में अस्पताल में ओपीडी में भी चिकित्सक कम मरीजों को देख रहे हैं। ऐसे में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। अस्पताल की हालत कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के दावों की पोल खोल रही है।

नहीं नियुक्त हुए लैब टेक्नीशियन

अस्पताल में एक्सरे व डिजिटल एक्सरे मशीन मौजूद है। इसके अलावा ईसीजी मशीन भी है लेकिन लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं की गई। अस्पताल प्रशासन की ओर से इसको लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। हालांकि अभी तक टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं की गई। इससे जांच कराने आने वाले मरीजों को बैरंग होना पड़ता है। टेक्नीशियन की नियुक्ति कर दी जाए तो लोगों को काफी सहूलियत होगी।

बाल रोग विशेषज्ञ के बिना कैसे तीसरी लहर से पाएंगे पार

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा बताया जा रहा है। हालांकि धानापुर सीएचसी में बाल रोग से संबंधित कोई चिकित्सक ही नियुक्त नहीं है। सरकार ने अस्पतालों में तैयारी का निर्देश तो दे दिया, लेकिन बिना विशेषज्ञ चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के कैसे कोरोना की तीसरी लहर से जंग जीती जाएगी। यह बड़ा सवाल है।

तीन दिन में आक्सीजन प्लांट तैयार होने की उम्मीद

सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए 40 लाख रुपये अपनी निधि से स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। इसी धनराशि से अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है। तीन दिन में आक्सीजन प्लांट तैयार होने की उम्मीद है। विधायक ने कहा आक्सीजन प्लांट शुरू होने से कोरोना काल में मरीजों के इलाज में काफी सहूलियत होगी। 

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‘ उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कोरोना को लेकर अस्पताल में तैयारी कराई जा रही है। तीन दिन में आक्सीजन प्लांट लगकर तैयार होने की उम्मीद है। कमियों के बाबत विभागीय अधिकारियों को समय-समय पर अवगत कराया जाता है। -डाक्टर जेपी गुप्ता, चिकित्साधीक्षक


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