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राजस्थान में फर्जी तरीके से नीट की परीक्षा देते पकड़ाए दो छात्र बीएचयू से निलंबित

14 सितंबर को राजस्थान में फर्जी परीक्षार्थी बन नीट की परीक्षा देते पकड़े गए दो छात्रों को काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने निलंबित कर दिया है। राजस्थान पुलिस से इस बारे में जानकारी मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 09:56 AM (IST)
बीएचयू में बीवीएससी द्वितीय वर्ष के हैं छात्र, सूचना मिलने पर हुई कार्रवाई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बीएचयू प्रशासन आपराधिक गतिविधियों में लिप्‍त छात्रों को बख्‍शने के मूड में नहीं है। नीट परीक्षा में राजस्‍थान निवासी दो छात्रों को राजस्‍थान की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बीएचयू में बीवीएससी द्वितीय वर्ष के दो छात्र सूचना मिलने पर निलंबित कर दिया है। बीते 14 सितंबर को राजस्थान में फर्जी परीक्षार्थी बन नीट की परीक्षा देते पकड़े गए दो छात्रों को काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने निलंबित कर दिया है। राजस्थान पुलिस से इस बारे में जानकारी मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम उठाया है।

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बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विभाग के बीवीएससी द्वितीय वर्ष के दो छात्र सांवरमल व अंकित यादव को राजस्थान में किसी अन्य परीक्षार्थियों के स्थान पर एनईईटी की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। जांच पड़ताल के बाद राजस्थान पुलिस ने उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। इसकी सूचना उन्होंने बीएचयू प्रशासन को दी। संकाय के डीन ने बीते 11 अक्टूबर विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित किया कि राजस्थान पुलिस से मिल सूचना के आधार पर उन दोनों छात्रों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस पर निर्णय लेते हुए विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति ने उन दोनों छात्रों को निलंबित कर दिया। इनमें से सांवरमल राजस्थान प्रांत के झूंझनू जनपद के भरौंदाकला गांव का निवासी है तो अंकित यादव राजस्थान के ही अलवर जनपद के डुम्रोली गांव का निवासी है।

दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय की छात्रा भी हुई थी गिरफ्तार : एनईईटी की परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी के रूप में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते हुए बीएचयू के ही दंत चिकित्सा संकाय की छात्रा पटना निवासी जूली भी सारनाथ के एक परीक्षा केंद्र से पकड़ी गई थी। बाद में उसकी निशानदेही पर जांच एजेंसियों ने साल्वर गैंग के मऊ जनपद के एक चिकित्सक समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। उसे भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने मुकदमा दर्ज होने के बाद निलंबित कर दिया था।


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