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वाराणसी में 90 टन गोबर से बनेगी ढाई टन गैस, शाहंशाहपुर में स्थापित हो रहा है बायो गैस प्लांट

आराजी लाइन ब्लाक स्थित शाहंशाहपुरगांव में बायो गैस प्लांट स्थापित किया जा रहा है। 90 फीसद से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस आ रहे हैं। इस दौरान प्लांट का लोकार्पण किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 09:10 AM (IST)
वाराणसी में 90 टन गोबर से बनेगी ढाई टन गैस, शाहंशाहपुर में स्थापित हो रहा है बायो गैस प्लांट
शाहंशाहपुर में स्थापित हो रहा है बायो गैस प्लांट, 90 फीसद काम पूरा

जागरण संवाददाता, वाराणसी। आराजी लाइन ब्लाक स्थित शाहंशाहपुरगांव में बायो गैस प्लांट स्थापित किया जा रहा है। 90 फीसद से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस आ रहे हैं। इस दौरान प्लांट का लोकार्पण किया जाएगा। पूरे देश के परिपे्रक्ष्य में बात करें तो कुल 17 बायो गैस प्लांट निर्माण हो रहा है। बनारस में जो प्लांट लग रहा है, उसमें प्रतिदिन 90 टन गोबर को प्रसंस्करण करने की क्षमता है। इससे प्रतिदिन ढाई टन कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) के उत्पादन का आकलन किया गया है।

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इसके अलावा ठोस खाद के रूप में 30 टन तो तरल खाद के रूप में 40 टन का उत्पादन किया जाएगा। इससे जैविक खेती को जहां बढ़ावा मिलेगा तो वहीं, पशुपालकों के पशुओं का गोबर बिक्री का अवसर भी खुलेगा। यह प्रोजेक्ट सीएसआर फंड से पूरा हो रहा है जिस पर अनुमानित लागत 23 करोड़ खर्च होना है। नगर निगम के विशाल गौशाला में प्राइड कंफ्डरेशन (अदाणी ग्रुप) की ओर से निर्माण हो रहा है।

गोबर के अलावा अन्य अवयव

वर्तमान में कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) का उपयोग तो हो रहा है, लेकिन दूसरे देशों से इसे लाना आसान नहीं होता। लिहाजा, अब पुआल, गाय के गोबर, मक्के के डंठल, मुर्गी फार्म के अपशिष्ट और नेपियर घास सहित अन्य कृषि अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) तैयार करने की ओर कदम बढ़ा है। बनारस के प्लांट में 90 किलो गोबर में ये अवयव भी मिश्रित किए जाएंगे।

एक किग्रा गैस में 34 रुपये खर्च

जिस क्षमता का प्लांट स्थापित हो रहा है, उसमें प्रतिदिन ढाई टन प्रतिदिन बायो गैस का उत्पादन संभव होगा। उत्पादन खर्च करीब 34 रुपये प्रति किलो आएगा। करीब 46 रुपये प्रति किलो तेल व गैस कंपनियां इसे खरीदेंगी। इस तरह से करीब 12 रुपये प्रति किलो तक बचत होगी। इसके अलावा ठोस व तरल जैविक खाद की बिक्री से अतिरिक्त आय होगी।

30 हजार प्लांट का कच्चा माल

वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों ने बताया कि यूरोप में 12 हजार से ज्यादा सीबीजी प्लांट हैं, जबकि वहां की तुलना में हमारे यहां अधिक अनाज, फल, सब्जी, गोबर का अपशिष्ट बर्बाद हो रहा है। भारत में 30 हजार प्लांट लगने पर भी कच्चे माल की कमी नहीं होगी। सीबीजी उत्पादन में भारत विश्व में नंबर वन बन सकता है।

जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण

प्लांट स्थापना तक ही स्मार्ट सिटी कंपनी की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है। इसके व्यापक सार्थकता के लिए कंपनी किसानों को भी जैविक खेती के लिए प्रशिक्षित करेगी। प्लांट परिसर में विशेषज्ञों की ओर से महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जाएगी।

एलपीजी गैस का विकल्प भी

मुख्यमंत्री ने एलपीजी के विकल्प की ओर कंपनी का ध्यान आकृष्ट कराया है। इस ओर भी काम शुरू हुआ है। इस गैस को सिलेंडर में भर कर एलपीजी गैस की तरह वितरित भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए भविष्य में प्लांट को अपग्रेड किया जाएगा, जिसके बाद गैस को ठंडा कर सिलेंडर में भरा जा सकेगा।

गोबर खरीद का तय होगा दाम

प्लांट संचालन के एसपीवी यानी स्पेशल परपज वैहिकल का गठन होगा। यह एसपीवी तय करेगा कि कच्चा माल कहां से आएगा। गोबर खरीद के लिए दाम कितना होगा। उत्पादित गैस व खाद की बिक्री कैसे होगी। फिलहाल, बल्क में गोबर की जरूरतों को पूरा करने के लिए नगर निगम के कान्हा उपवन, गीर गाय गौशाला के अलावा पशुपालकों से खरीदी की जाएगी। उम्मीद है कि प्रति किलो गोबर की कीमत एक रुपये से अधिक होगी।

90 फीसद से ज्यादा निर्माण पूरा हो चुका है

शाहंशाहपुर में प्लांट बनकर तैयार है। माह अंत तक कार्य करने लगेगा। 90 फीसद से ज्यादा निर्माण पूरा हो चुका है। इससे बायो गैस के साथ ही ठोस व तरल खाद का उत्पादन होगा।

-डा. डी वासुदेवन, मुख्य महाप्रबंधक, वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी


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