सउदी अरब से फोन पर दिया तलाक, विदेश से लौट कर की दूसरी शादी, विवाहिता भटक रही
तीन तलाक को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक करार दे दिया है। केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इसे कानूनन अपराध भी बना दिया है।
मऊ, जेएनएन। तीन तलाक को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक करार दे दिया है। केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इसे कानूनन अपराध भी बना दिया है। बावजूद इसके अभी भी ‘तलाक-तलाक-तलाक’ ये शब्द मुस्लिम महिलाओं के जीवन में जहर घोल रहे हैं। शनिवार को कोपागंज थाने में एक महिला ने आरोप लगाया कि घर वालों के भड़काने पर उसके पति ने सउदी अरब से उसे फोन पर तलाक दे दिया है।
जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के यूसुफपुरा की निवासी हिना खातून पत्नी नेहाल अहमद ने शनिवार को कोपागंज थाने में प्रार्थना पत्र दिया। हिना का कहना है कि उसके पति दो वर्ष पूर्व सऊदी कमाने गए, उसे अपने घर पर ही छोड़ दिया। इस दौरान उसके ससुर और सास उसे लेकर मुंबई चले गए। वहां उसके सास और ससुर ने उसे बहुत परेशान किया और घर से निकाल दिया। इसके बाद वह अपनी सहेली के यहां रहने लगी। वहां दस दिन रहने के बाद उसके पति नेहाल अहमद ने फोन कर सऊदी से धमकी दिया कि गांव चली जाओ नहीं तो तुम्हें तलाक दे दूंगा। इसके बाद हिना अपने मायके कोतवाली मोहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र के कोइरियापार गांव चली आई। वहां जाने के बाद पति ने उसे फोन कर कहा कि ससुराल जाओ। साथ ही धमकी दिया कि अगर ससुराल नहीं गई तो तुम्हें तलाक दे दूंगा। डर कर हिना अपनी ससुराल आ गई। वहां उसके जेठ, जेठानी, ननद उसे प्रताड़ित करने लगे तथा उसके चरित्र पर उंगली उठाने लगे। इसकी शिकायत उसने पति से किया। परिवार वालों के भड़काने पर उसके पति ने गुस्से में आकर सऊदी अरब से फोन से उसे तलाक दे दिया।
इसके बाद उसके ससुर उसके पास आए और बोले कि तलाक नहीं हुआ है। बावजूद इसके उसे इद्दत की अवधि व्यतीत करने पर मजबूर किया गया। उसके पति ने उसे खर्चा भी देना बंद कर दिया। कुछ दिन बाद पति सऊदी अरब से आए और दूसरी लड़की से निकाह करके उसे अपने घर ले आए। इसी बीच उसकी ननद उसे अपनी ससुराल कोपागंज थाना क्षेत्र अंतर्गत मुहल्ला दोस्तपुरा बुलाई। उसने कहा कि यहीं चली आओ। तुम्हारे पति मेरे घर हैं। मेरे घर पर ही दो-तीन दिन रहना। तुम दोनों का निकाह होगा। वहां पहुंचने पर उसका पति उसे नहीं मिला। ननद भी टालमटोल करने लगी। आजिज आकर हिना खातून ने कोपागंज थाने में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई।