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यूपी की सड़कों पर दौड़ रहीं दूसरे प्रदेश की गाड़‍ि‍यों पर परिवहन विभाग की नजर

परिवहन कार्यालय में बिना दर्ज कराए दूसरे प्रदेश की गाडिय़ां खुलेआम दौड़ रही हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 04:25 PM (IST)
यूपी की सड़कों पर दौड़ रहीं दूसरे प्रदेश की गाड़‍ि‍यों पर परिवहन विभाग की नजर
यूपी की सड़कों पर दौड़ रहीं दूसरे प्रदेश की गाड़‍ि‍यों पर परिवहन विभाग की नजर

वाराणसी, जेएनएन। परिवहन कार्यालय में बिना दर्ज कराए दूसरे प्रदेश की गाडिय़ां खुलेआम दौड़ रही हैं। इन गाडिय़ों पर फर्जी नंबर लिखा है या चोरी की हैं यह किसी को मालूम नहीं है। जिले में सड़कों पर चल रही दूसरे प्रदेश की गाडिय़ों को प्राथमिकता पर चेकिंग करें। यदि दूसरे प्रदेश की गाडिय़ां एक माह से अधिक समय बनारस में हैं तो वाहन स्वामी को नोटिस जारी कर पंजीयन कराने को कहे। चेकिंग के दौरान प्रपत्रों की जांच गंभीरता से करें। जरूरत पड़े तो संबंधित प्रदेश से पत्राचार भी करें। पुलिस और यातायात विभाग भी प्राथमिकता पर चेकिंग करें। इस आशय का पत्र शासन से परिवहन विभाग को आया है। 

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प्रदेश या जिले में दूसरे प्रदेश की गाडिय़ां एक सप्ताह से अधिक नहीं रह सकती है। यदि वाहन स्वामी उस गाड़ी को स्थायी तौर पर रखना चाहता है तो उसे परिवहन कार्यालय में प्रदेश का टैक्स देना होगा। मगर जिले में 50 हजार से अधिक दूसरे प्रदेश की गाडिय़ां सड़कों पर दौड़ रही है। सड़क पर चेकिंग करने के दौरान प्रवर्तन अधिकारी कार्रवाई करते हैं लेकिन यह जानने की कोशिश नहीं करते हैं उक्त गाड़ी कितने दिनों से बनारस में है।

चालान से नहीं पड़ता है फर्क

ज्यादातर लोग दूसरे प्रदेश से गाडिय़ों को खरीदने के बाद उसे अपने जिले के परिवहन कार्यालय में दर्ज नहीं कराते हैं। वह जानते हैं कि उक्त गाड़ी दर्ज कराने के साथ पंजीयन शुल्क देना पड़ेगा। उक्त गाड़ी का नाम और पता दूसरे प्रदेश का होने के कारण चालान उसी पते पर जाएगा। कुछ लोग दूसरे प्रदेश में किराए के मकान में रहते हैं। मकान छोडऩे के साथ नाम और पता बदल जाता है, उसी के साथ गाड़ी मालिक को अपना पता भी परिवहन कार्यालय में दर्ज कराना चाहिए लेकिन वे ऐसा नहीं करते हैं। यही कारण है कि परिवहन कार्यालय में सैंकड़ों चालान होने के बाद आज उसका जुर्माना जमा नहीं हो सका।

बोले अधिकारी :  दूसरे प्रदेश की कोई भी गाड़ी हो। यदि प्रदेश बदलता है तो उस वाहन स्वामी को उस प्रदेश में वन टाइम टैक्स जमा करने के साथ नया नंबर लेना चाहिए। ज्यादातर लोग ऐसा नहीं करते हैं जो गलत है। प्रवर्तन कार्रवाई के दौरान चालान किया जाता है लेकिन चालान उस नाम और पते पर जाता है। इसका फायदा कुछ लोग उठाते हैं। -हरिशंकर सिंह, आरटीओ


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