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प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प के चलते बदली तस्वीर, हम उसी शहर में हैं, विश्वास नहीं हो रहा

बदलता बनारस देख लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि वे हम उसी पुराने जिले में हैं जहां पांच वर्ष पहले थे, सड़कों पर पल भर में आंखों से ओझल हो जाती गाडिय़ां।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:51 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 07:30 AM (IST)
प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प के चलते बदली तस्वीर, हम उसी शहर में हैं, विश्वास नहीं हो रहा
प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प के चलते बदली तस्वीर, हम उसी शहर में हैं, विश्वास नहीं हो रहा

वाराणसी (जेएनएन) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय जिलेवासियों की कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर झोली भर दी। बदलता बनारस देख लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि वे हम उसी पुराने जिले में हैं जहां पांच वर्ष पहले थे। चकाचक सड़कों पर पल भर में आंखों से ओझल हो जाती गाडिय़ां। कई सालों से पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल, निराश्रितों को आवास, गरीब छात्रों के रहने के लिए छात्रावास तथा बंदरगाह से उद्योग के साथ लोगों को मिले रोजगार आदि। 

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सपना देखा और आज पूरा हो गया : कोइराजपुर के मनोज यादव को विश्वास नहीं हो रहा है, वह उसी बाबतपुर वाले रोड पर है जिस पर बचपन से आते-जाते रहे। रंग-बिरंगी लाइटों के साथ चकाचक सड़क होगी, कभी कल्पना भी नहीं किया था, आज जैसे लग रहा है कि कोई सपना देखा था और आज अचानक पूरा हो गया। सड़क काफी खराब होने के साथ आने-जाने में काफी परेशानी होती थी। एयरपोर्ट से कचहरी आने में कितना समय लगेगा, कोई भरोसा नहीं था। कब कोई जाम में फंस जाए। अब एयरपोर्ट से कचहरी पहुंचने में बमुश्किल 22 से 25 मिनट लगेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री की जितनी सराहना की जाए कम होगी। 

तस्वीर बदलने की बात सुनीं थी, अब देख लिया : गांव की तस्वीर बदलने की बात सुनीं थी। कैसे बदलेगी यह देखा नहीं था लेकिन रिंग रोड के बनने के बाद लगा कि गांव सिर्फ  कहने को होता है। सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं। प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प के चलते आज गांव की तस्वीर बदल गई। कई गांवों से निकले ङ्क्षरग रोड पर लग्जरी गाडिय़ां दौड़ रही हैं। गाजीपुर के देवेंद्र प्रताप कहते हैं कि रैली में शामिल होने पांडेयपुर से होकर गया था लेकिन लोकार्पण के बाद पहली बार रिंग रोड पर आया तो अलग ही महसूस हुआ। हरहुआ से आशापुर पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लगता था, अब महज 15 मिनट में चिरईगांव पहुंच गया। सथवां के मुन्नू राजभर का कहना है कि काम करने के लिए रोज हरहुआ जाता हूं, अब 11 किलोमीटर की दूरी चार किलोमीटर हो गई। गोइठहा के राजेंद्र पटेल कहते हैं कि रिंग रोड के पहले फेज का शुभारंभ होने के साथ शहरवासियों को जाम से काफी हद तक राहत मिल गई। फिलहाल आजमगढ़, गाजीपुर और जौनपुर को चिरईगांव में जोडऩे वाले ङ्क्षरग रोड के शुरू होते ही शहर का 30 फीसद वाहनों का दबाव खत्म हो गया है। अब उन्हें आशापुर, पहडिय़ा, पांडेयपुर और कचहरी होकर नहीं जाना पड़ेगा। वे रिंग रोड से बाहर ही बाहर निकल जाएंगे।  

राल्हूपुर की विश्वपटल पर बनी पहचान : राल्हूपुर के दुकानदार बसंत लाल ने कहा कि बंदरगाह बनने से राल्हूपुर की अलग पहचान बनी है। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। राल्हूपुर के अंगद कश्यप ने कहा कि बंदरगाह के शुरू होने से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा। यहीं के श्रवण कुमार का कहना है कि हमने कभी कल्पना नहीं की थी कि इस छोटे से गांव का नाम विश्वपटल पर होगा। कूड़े से पटा गांव अलग दिखेगा। भीटी के अनिल गुप्ता ने कहा कि बंदरगाह से उद्यमी और मजदूर दोनों को फायदा मिलेगा।

पहले दिन 100 एमएलडी शोधित हुआ जल : 140 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने से गंगा का पानी दूषित नहीं होगा। पहले दिन 100 एमएलडी तक दूषित पानी का शोधन हुआ। गंगा में गिरने वाले नालों के पानी को सीवर लाइन के माध्यम से एसटीपी में भेजा जाएगा। इसी प्रकार अस्सी और वरुणा नदी में गिरने वाले गंदे पानी को भी पाइपलाइन के माध्यम से दीनापुर एसटीपी में पहुंचाया जाएगा। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई दीनापुर के अधिशासी अभियंता विवेक सिंह ने बताया कि 100 एमएलडी जल शोधन शुरू हो गया है। 

आंधी-पानी में नहीं टूटेगा तार : भूमिगत लाइन के साथ शहर में एरियर बंच कंडक्टर (एबीसी) लगने से बिजली चोरी रुकने के साथ लाइनलॉस कम होगा। अब आंधी-पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सारनाथ के कुलदीप गुप्ता का कहना है कि भूमिगत लाइन होने से बिजली चोरी रुकेगी। साथ में ट्रिपिंग से राहत मिलेगी। बुद्धा सिटी कालोनी के अभय नारायण सिंह का कहना है कि भूमिगत लाइन होने से जंफर उडऩे या तार टूटने का समस्या खत्म हो गई। कालोनी की संजू कहती हैं कि तारों के जंजाल से मुक्ति मिली। 

6452 आबादी को मिलेगा शुद्ध पेयजल : 15 बस्तियों में 6452 आबादी को शुद्ध पेयजल मिलेगा। तेवर गांव के शशिकांत सिंह का कहना है कि पहले कुएं का पानी पीते थे, अब घरों में शुद्ध पेयजल सहज उपलब्ध होगा। तेवर बिचलापुरा के संतोष कुमार का कहना है कि गांव नाद-नदी के किनारे होने के कारण पेयजल संकट बना रहता था। सभी बोङ्क्षरग कराने की स्थिति में नहीं थे, अब पानी के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। तेवर के राकेश कुमार कहते हैं कि पानी से विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलती हैं, अब इससे लोगों को राहत मिलेगी। गांव के संजय पांडेय का कहना है कि पीएम के प्रयास से आज पेयजल योजना इतनी जल्द पूरी हो सकी। 


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