वाराणसी में यातायात पुलिस पकड़ेगी वाहन चोर, विशेषज्ञों की टीम ने विकसित की खास तकनीक
अब वाहन चोर पुलिस की निगाह से ओझल नहीं हो पाएंगे। तकनीक की सहायता से उन्हें दबोच लिया जाएगा। कमिश्नरेट वाराणसी के यातायात पुलिस अनुभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है। रविवार से यह तकनीक अस्तित्व में आ जाएगी।
वाराणसी, जेएनएन। अब वाहन चोर पुलिस की निगाह से ओझल नहीं हो पाएंगे। तकनीक की सहायता से उन्हें दबोच लिया जाएगा। कमिश्नरेट वाराणसी के यातायात पुलिस अनुभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है। रविवार से यह तकनीक अस्तित्व में आ जाएगी। स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर स्थित इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट डेस्क पर तैनात प्रशिक्षित कर्मचारी इस तकनीक का उपयोग करेंगे। ऑटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकॉगनिशन (एनपीआर) तकनीक का उपयोग कर चोरी के वाहनो को चिन्हित किया जाएगा। वाहन चिन्हित करने के बाद इसकी सूचना सड़क और चौराहे पर ड्यूटीरत यातायात पुलिस विभाग के जवानों को वायरलेस सेट के जरिए दी जाएगी। जिसके बाद वाहन और संदिग्ध को फौरन पकड़ लिया जाएगा।
वाहनों का ब्योरा अपलोड
एनपीआर को पूरी तरह से शुरू करने से पहले पिछले पांच वर्षों का ब्यौरा सिस्टम में फीड कर लिया गया है। जिसमें अब तक चोरी हुए वाहन की पूरी जानकारी दी गई है। इसमें ऐसे भी वाहन शामिल हैं। जिसे किसी आपराधिक मामलों में प्रयुक्त किया गया था। अपर पुलिस उपायुक्त यातायात विकास कुमार ने बताया कि एनपीआर तकनीक से भविष्य वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
अपराधी मास्क पहने है तो भी आधुनिक कैमरे पहचान लेंगे
यदि अपराधी मास्क पहने है तो भी आधुनिक कैमरे पहचान लेंगे। इसके लिए अपराधियों का पूरा डेटा सिटी कमांड एंड कंट्रोल रूम में फीड किया जाएगा। इसे लेकर पुलिस-प्रशासन को डेटा उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है। डेटा के आधार पर कैमरे में आई अपराधी की तस्वीर स्कैन हाे जाएगी और वह पहचाना जाएगा। सेफ सिटी योजना को मूर्तरूप देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया निर्देश दिया है। इसके तहत वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी के सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से नगर के पेट्रोल पंप, मॉल, दुकानें व सड़क किनारे के भवनों में लगे रोड साइड के सीसीटीवी कैमरे को जोड़ा जाएगा। यह कार्य जिला व पुलिस प्रशासन के साथ ही नगर निगम प्रशासन को संयुक्त रूप से करना है। इसके अतिशीघ्र पूरा कर लेना है।