Move to Jagran APP

देव दीपावली पर गंगा में दिखेगा ट्रैफ‍िक जाम का नजारा, बजड़े और बड़ी नावों की लाखों में हुई बुकिंग

देव दीवाली की रात गंगा में सुरक्षा के लिए जल पुलिस की तैनाती रहती है जो यातायात उस दिन नियंत्रित कर पाने में असफल साबित होती है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 10:05 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 10:05 AM (IST)
देव दीपावली पर गंगा में दिखेगा ट्रैफ‍िक जाम का नजारा, बजड़े और बड़ी नावों की लाखों में हुई बुकिंग
देव दीपावली पर गंगा में दिखेगा ट्रैफ‍िक जाम का नजारा, बजड़े और बड़ी नावों की लाखों में हुई बुकिंग

वाराणसी, जेएनएन। गंगा में देव दीवाली के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी ट्रैफ‍िक जाम की नौबत आना तय है। क्‍योंकि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से अयोध्या मामले में फैसला देने के बाद नावों की बुकिंग में काफी तेजी आई है। एक सप्ताह से नाविक समझ नहीं पा रहे थे कि इस बार नावों की बुकिंग पिछले साल की तुलना में क्यों कम है। फैसले के बाद सामान्य हालत को देखते हुए रविवार को पर्यटकों ने तीन सौ से अधिक संख्या में नावें बुक कराई। नगर निगम के मुताबिक लगभग आठ सौ नावें गंगा में चलतीं हैं। इस समय दस हजार से पांच लाख रुपये में नावों की बुकिंग हो रही है। बड़ी नावें और बजड़े कम होने से इसकी मारामरी बुहत अधिक है। 

loksabha election banner

दशावमेध घाट के रिंटू साहनी का कहना है कि कई दिनों से व्यापार सन्नाटे में चल रहा था रविवार को लगभग पचास लोगों ने नावों को बुक कराया। इसी तरह असि घाट से भी लोगों ने नावों को बुक कराया। भोसले घाट के कैलाश मांझी ने आज का दिन अच्छा रहा। काफी लोगों ने नावों को बुक कराया। राजघाट के दुर्गा माझी, क्षेमेश्वर घाट के विष्णु माझी और सिंधिया घाट के कल्लू का कहना है कि हमलोगों को लग रहा था कि इस बार देव दीपावली गड़बड़ाएगी लेकिन बहुत सही समय से फैसला आया है। उनका कहना है कि इस समय की कमाई ही हमारा संबल होता है। बाकि दिन तो काम चलने वाला होता है। ऐसे में देव दीपावली वाले दिन या उसके बाद फैसला आता तो पूरा धंधा चौपट हो जाता है। 

बीच गंगधार यातायात बाधित

देव दीवाली ही ऐसा मौका होता है जब गंगधार के बीच सैकड़ों नौकाएं होती हैं और घाट का नजारा देखने वालों से भरी नौकाएं सैलानियों को सभी घाटों पर देव दीवाली का नजारा दिखाने के लिए व्‍यस्‍ततम समय में यातायात में बाधा का शिकार हो जाती हैं। साल भर में यह पहला मौका होता है जब शाम से आधी रात तक कोई नौका बंधी नजर आए। नौकाओं की डिमांड इतनी होती है कि पूरी न पड़ने पर आसपास के जिलों तक से नौका संचालक किराए पर नाव लाकर सैलानियों को सैर कराते हैं। साल में यही एक मौका होता है जब नौका संचालक एक दिन में ही कई माह की कमाई आसानी से कर लेते हैं। हालांकि सुरक्षा के लिए जल पुलिस की तैनाती रहती है जो यातायात उस दिन नियंत्रित कर पाने में असफल साबित होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.