मैडम तुसाद म्युजियम की तर्ज पर पर्यटन विभाग बनाएगा संग्रहालय, मोम की जगह पत्थर आैर कांस्य का प्रयोग
शिव की नगरी काशी का मान बढ़ाने वाली विभूतियों को उचित सम्मान मिले आने वाली पीढिय़ां उन्हें भूल न सके काशी गौरव संग्रहालय के जरिए उन्हें सहेजने की तैयारी चल रही है।
वाराणसी [विकास बागी]। देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से लेकर तमाम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय रत्न, पुरस्कारों से शिव की नगरी काशी का मान बढ़ाने वाली विभूतियों को उचित सम्मान मिले, आने वाली पीढिय़ां उन्हें भूल न सके, काशी गौरव संग्रहालय के जरिए उन्हें सहेजने की तैयारी चल रही है।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पर्यटन विभाग 'काशी गौरव संग्रहालय' स्थापित करने जा रहा है। शहरी क्षेत्र में संग्रहालय स्थापना के लिए जमीन की तलाश शुरू हो गई है। पर्यटन एवं धर्मार्थ राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी के अनुसार काशी की धरती ने कई महान विभूतियों को जन्म दिया है। एक ही छत के नीचे इन सभी को उचित सम्मान और स्थान मिले, ऐसी योजना है। यहां की उपलब्धियों के साथ ही इनका जीवन परिचय होगा।
85 नामों की सूची तैयार
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अभी तक 85 नामों की सूची तैयार की गई है। मैडम तुषाद म्युजियम की तर्ज पर यहां पर काशी की विभूतियों की मूर्ति स्थापित होगी। तुषाद में मोम की मूर्तियां बनती है लेकिन यहां पर पत्थर और कांस्य की मूर्तियां बनेगी। मोम की मूर्ति बनाने व उसके रखरखाव में खर्च अधिक होगा। काशी गौरव संग्रहालय में मूर्ति निर्माण में चुनार के पत्थरों का इस्तेमाल होगा ताकि मीरजापुर के पत्थरों की विशेषता पूरी दुनिया जाने।
10 नए घाटों का निर्माण
बनारस घाट और मंदिरों का शहर है। पर्यटन एवं धर्मार्थ राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि बनारस में 10 नए घाटों का भी निर्माण होगा। पर्यटन विभाग खाका खींच रहा है। पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए इन घाटों को इस तरीके से विकसित किया जाएगा पर्यटन से जुड़ी सभी सुविधाएं वहां उपलब्ध हों।
वेनिस की तर्ज पर काशी की गलियों का निर्माण
वेनिस अपनी खूबसूरत गलियों के कारण पूरे विश्व में पर्यटन का केंद्र बना है। प्रधानमंत्री मोदी भी काशी की गलियों को सुंदर-स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित कर चुके हैं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत काशी की सभी गलियों का वेनिस की गलियों की तर्ज पर विकास किया जाएगा। नीलकंठ तिवारी ने बताया कि प्रथम चरण में राजमंदिर, कालभैरव, कामेश्वर महादेव, गढ़वासी टोला की गलियों को लिया गया है। 10 दिन के अंदर इनका टेंडर जारी होगा।
राजघाट पर नियमित संगीत संध्या
पर्यटन विभाग राजघाट को बनारस की परंपरा के अनुरूप विकसित करने की तैयारी में जुटा है। महाशिवरात्रि पर तीन दिवसीय आयोजन पर्यटन विभाग की तरफ से आज से शुरू होगा तो 22 फरवरी तक चलेगा। बनारस के शास्त्रीय संगीत से जुड़ी विधाओं की पूरे विश्व में धमक है। देश-विदेश से पर्यटक आते हैं लेकिन उन्हें ऐसा कोई स्थान नहीं मिलता। गंगा किनारे राजघाट पर अब पर्यटन विभाग नियमित संगीत संध्या का आयोजन करेगा।
बोले मंत्री : विश्वनाथ धाम के अलावा सरकार ने वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ का बजट जारी किया है। बनारस के घाट व गलियों के साथ ही पर्यटकों की सुविधा पर विशेष जोर है। - डा. नीलकंठ तिवारी, पर्यटन एवं धर्मार्थ राज्यमंत्री।
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