Top Varanasi News Of The Day, 24 February 2020 : गंगा योद्धा महोत्सव का आयोजन, निष्कासन के विरोध में धरना, पीएनजी का रजिस्ट्रेशन नकद नहीं
बनारस शहर की कई खबरों ने सोमवार को सुर्खियां बटोरीं जानिए शाम 5 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबर।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस शहर की कई खबरों ने सोमवार को सुर्खियां बटोरीं। जिनमें गंगा योद्धा महोत्सव 2020 का आयोजन, निष्कासित करने के विरोध में दिया धरना, पीएनजी का रजिस्ट्रेशन या बिल भुगतान नकद नहीं, चार हजार साल पुराना शिल्प ग्राम मिलने के संकेत, फ्लाइओवर से जाना मतलब सांप-सीढ़ी का खेल,
आदि खबरें रहीं। जानिए शाम 5 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबर।
Indian Territorial Army करेगा द गंगा योद्धा महोत्सव 2020 का आयोजन
इंडियन टेरीटोरियल आर्मी प्रख्यात संगीतकार कैलाश खेर और उनके बैंड कैलासा द्वारा द गंगा योद्धा महोत्सव 2020 नामक एक कार्यक्रम की मेजबानी करेगी। यह म्यूजिकल इवेंट वाराणसी के दर्शनीय अस्सी घाट पर मंगलवार 25 फरवरी को शाम 6 बजे से आयोजित किया जाएगा। मेहमानों के लिए फ्री एंट्री की पेशकश कर रहे इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सशस्त्र बलों द्वारा गंगा नदी के प्रदूषण, संरक्षण और कायाकल्प के प्रभावी संचालन की दिशा में अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करना है।
यूपी कालेज छात्रसंघ अध्यक्ष सहित छह छात्र निष्कासित करने के विरोध में दिया धरना
प्राचार्य के संग धक्का-मुक्की व तोडफ़ोड़ के आरोप में उदय प्रताप महाविद्यालय प्रशासन ने शनिवार को छात्रसंघ अध्यक्ष अनुराग सिंह (अन्नू) सहित छह छात्रों को निष्कासित किया। निष्कासन के विरोध में सोमवार को छात्रों ने कालेज के गेट पर धरना दिया। छात्रों ने जल्द से जल्द निष्कासन वापस लेने की मांग की।
पीएनजी का रजिस्ट्रेशन या बिल भुगतान नकद नहीं
उपभोक्ताओं के साथ कोई धोखा नहीं हो, इसके लिए गेल इंडिया लिमिटेड ने 'गेल पीएनजी' नाम से एक एप तैयार किया है। कंपनी ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वे किसी प्रकार की लेन-देन नकद नहीं करें। रजिस्ट्रेशन या गैस बिल का भुगतान गेल की वेबसाइट या मोबाइल एप के माध्यम से ही करना सुरक्षित रहेगा।
वाराणसी से 13 किमी दूर बभनियांव में चार हजार साल पुराना शिल्प ग्राम मिलने के संकेत
बीएचयू व पुरातत्व विभाग के एक सर्वेक्षण ने वाराणसी के बभनियांव गांव में चार हजार साल प्राचीन के शिल्प ग्राम का पता लगाया है। इसके प्रारंभिक सर्वेक्षण में पांचवीं शताब्दी ई. से आठवीं शताब्दी ई. के बीच का एक मंदिर, चार हजार साल पुराने मिट्टी के बर्तन व दो हजार साल पुरानी दीवारें मिली हैं। यह गांव वाराणसी से महज 13 किमी की की दूरी पर है।
फ्लाइओवर से जाना मतलब सांप-सीढ़ी का खेल
बहुप्रतीक्षित लगभग दो किलोमीटर लंबा चौकाघाट-लहरतारा फ्लाइओवर की सौगात तो मिली तो मिली लेकिन ये सौगात काशीवासियों पर किसी भी दिन फिर भारी पड़ सकती है। फ्लाओवर निर्माण के दौरान सेतु निगम ने मानकों को इस कदर नजरअंदाज कर दिया कि लोग जान हथेली पर लेकर फ्लाइओवर पर सफर कर रहे। निर्माण के दौरान लापरवाही के चलते 15 लोगों की जान चली गई थी। अब फ्लाइओवर की डिजाइन कुछ ऐसी है कि आए दिन हादसे हो रहे हैं। बीते 16 फरवरी को उद्घाटन के दिन ही फ्लाइओवर पर कई वाहन आपस में टकराए। कइयों को अस्पताल पहुंचना पड़ा।